Kis Mausam Mein Kya Kya savdhani barkhani chahie
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आजकल डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले रोगियों में बुखार और सांस की समस्या से पीडित लोग अधिक हैं। उनमें ज्यादातर छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर महिलाएं हैं। अगर आप मधुमेह के शिकार हैं या टीबी से पीडित हैं या एड्स की गिरफ्त में हैं, तो आप भी इस वायरल के प्रभाव में आ सकते हैं, क्योंकि इस मौसम के वायरस कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों पर अपना असर छोड़ने में सफल हो रहे हैं। अभी का बुखार आमतौर पर साफ-सफाई का थोड़ा खयाल रखने से 5-7 दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है। सावधानियां न बरती जाएं और बुखार लगातार जारी रहे तो निमोनिया या फेफड़े में संक्रमण की समस्या हो सकती है। इसके बाद तो आपको अच्छी तरह से पूरा डॉक्टरी इलाज कराना ही पड़ेगा।
खाने में बरतें सावधानी
आजकल शादी और पार्टियां खूब हो रही हैं। यानी यह मौसम बाहर खाने-पीने का भी है। वहां खाने-पीने पर पर्याप्त ध्यान नहीं देने से आप उल्टी, दस्त आदि के शिकार हो सकते हैं। यह फूड प्वायजनिंग या एनिवायसिस की समस्या के कारण होता है। छोटे बच्चे इस मौसम में पानी पीना पसंद नहीं करते। ऐसे में अगर दस्त हो जाए तो डिहाइड्रेशन की समस्या सामने आती है और बच्चे को हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है।
संक्रमण से बचना है जरूरी
यह वायरल इंफेक्शन का मौसम है। यह वायरस बस, मेट्रो आदि में तो आपका हमला कर ही सकता है, आपके घर में भी आपके ऊपर इसका हमला हो सकता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई। चाहे आप दफ्तर में रहें या घर में, बार-बार हाथ धोते रहें। बाहर से घर लौटें तो हाथ और चेहरा को अच्छी तरह धोएं। अगर आपको खांसी हो रही है तो खांसते समय मुंह पर रुमाल जरूर रखें ताकि सामने वाला संक्रमित न हो। सामने कोई दूसरा व्यक्ति खांस रहा है तो आप वहां से हट जाएं, अन्यथा आप भी उस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। जुकाम की स्थिति में नाक साफ करने के लिए अलग से रुमाल रखें और उसकी सफाई भी अलग ही करें।