Hindi, asked by krishadodiya06, 8 hours ago

kisi bhi ek vishay par prarek kahani likhye.​

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Answered by nehaliganvit3
1

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शनदान

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लघु प्रेरक प्रसंग कहानियाँ | 10+ Prerak Prasang Kahaniya

March 22, 2020 by टीम रोशनदान

लघु प्रेरक प्रसंग कहानियां: हिंदी में ये लघु कथाएँ हमें जीवन में सफलता के कुछ मूल मंत्र के बारे में बताती हैं। हमें विश्वास है कि ये प्रेरक प्रसंग एक नया जोश भरेंगे और साथ ही साथ आपकी सफलता के रास्ते में आने वाली सभी कठिनाइयों को दूर करेंगे।

प्रेरणादायी लघु कहानियाँ (प्रेरक प्रसंग – Prerak Prasang Kahaniya) जो आपके जीवन को बदल सकती हैं। दोस्तों, जो जीवन में कुछ पाना चाहते हैं, उन सभी के लिए प्रेरक विषय बहुत उपयोगी साबित होते हैं। यह हमें प्रेरित करते हैं क्योंकि कई बार जब तक हमारे जीवन में कोई प्रेरक प्रसंग नहीं होता, हम आगे नहीं बढ़ पाते हैं या सफल नहीं हो पाते हैं।

लघु प्रेरक प्रसंग कहानियां

बहुत से लोगों में आत्म-प्रेरणा होती है। जबकि कुछ लोग बाहरी प्रेरणा, प्रेरक विषयों के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। आज हम आपके लिए ऐसी प्रेरक प्रसंग कहानियां लाए हैं, जिन्होंने मेरे जैसे हजारों लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है।

Prerak Prasang – लघु प्रेरक प्रसंग कहानियां

Table Of Contents

Prerak Prasang – लघु प्रेरक प्रसंग कहानियां

प्रेरक प्रसंग #1 – अडिगता पर एक बच्ची का प्रसंग

प्रेरक प्रसंग #2 – हस्तरेखा

प्रेरक प्रसंग #3 – घमंड मत करो

प्रेरक प्रसंग #4 – आलसीपन

प्रेरक प्रसंग #5 – राजा मणीन्द्र चन्द्र नन्छी

प्रेरक प्रसंग #6 – देवी लक्ष्मी vs दरिद्र देवी

प्रेरक प्रसंग #7 – सात्विक आहार

प्रेरक प्रसंग #8 – मीठा बोलें

प्रेरक प्रसंग #9 – उचित विश्राम

प्रेरक प्रसंग #10 – बचत का महत्त्व

अन्य प्रेरक प्रसंग (Prerak Prasang Kahaniyan) पढ़ें –

प्रेरक प्रसंग #1 – अडिगता पर एक बच्ची का प्रसंग

prerak prasang kahani in hindi

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एक बार पाँच-छह साल की एक लड़की डेढ़ साल के तन्दुरूस्त लड़के को गोद में लिए खेत से घर की ओर जा रही थी। चार कदम चलती थी और बच्चे को गोद से उतारकर पसीना पोंछने लगती थी।

एक युवा ने आगे बढ़कर पूछा-“भारी है?”

लड़की ने बच्चे को गोद में सहेजते-समेटते हुए कहा-“भारी नहीं भाई है।”

उस युवा को लड़की की बात बहुत अच्छी लगी और उसने इस घटना को अपनी डायरी में कलमबद्ध कर दिया। कालांतर में ये युवा कथाकार सदर्शन के नाम से प्रख्यात हुए। इनकी ‘हार की जीत’ कहानी अत्यंत प्रसिद्ध है।

प्रेरक प्रसंग #2 – हस्तरेखा

राज ज्योतिषी ने राजा वसुसेना की श्रद्धा ज्योतिष पर बहुत जमा दी थी। वे बिना मुहूर्त जाने कोई काम ही नहीं करते थे शत्रुओं को पता चला तो वे ऐसी घात लगाने लगे कि किसी से मुहूर्त में हमला करें, जिसमें प्रतिकार का मुहूर्त न बने और वसुसेना को सहज ही परास्त किया जा सके। प्रजाजन और सभासद सभी को राजा के इस कुचक्र में फंस जाने पर बड़ी चिंता होने लगा.

संयोगवश राजा एक बार देश के दौरे पर निकले। साथ में राज-ज्योतिष भी थे। रास्ते में एक किसान मिला, जो हल-बैल लेकर खेत जोतने जा रहा था। राज ज्योतिषी ने उसे रोककर कहा-“मुर्ख जानता नहीं, आज जिस दिशा में दिशाशूल है, उसी में चला जा रहा है। ऐसा करने से भयंकर हानि उठानी पड़ेगी।”

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