ko Koyal ki cook sunkar Kavi ki kya pratikriya thi
Answers
प्रश्न:- कोयल की कुक सुनकर कवि की क्या
प्रतिक्रिया थी ?
नोट :- कृपया प्रश्न पूछने के दौरान कविता का
नाम उल्लेख करें ।
कविता :- कैदी और कोकिला
कवि :- माखनलाल चतुर्वेदी
उत्तर :- 'माखनलाल चतुर्वेदी ' द्वारा रचित
कविता 'कैदी और कोकिला' में कवि कोकिल
की आवाज़ सुनकर कई प्रतिक्रिया देता है ।
पहला प्रतिक्रिया :-
कवि कोकिल से पूछता है कि तुम क्या गा
रही हो? अपने गाने के माध्यम से क्या संदेश
देना चाह रही हो?
दूसरा प्रतिक्रिया :-
कवि कोकिल से कहता है तुम्हारी आवाज़ में
वेदना दिखाई देता है है । क्या लूट गया है ?
तीसरा प्रतिक्रिया :-
आधे रात में तुम क्यों चिख रही हो? आधी
रात में तुम्हारा बावला होने का क्या अर्थ है ?
क्या तुमने कोई दानव देखा है?
चौथा प्रतिक्रिया:-
कवि कोकिल से पूछता है कि इस शांत से
रात में तुम क्यों रो रही हो? तुम्हारे रोने का
कारण क्या है ? अर्थात इस शांत रात में ,
तुम्हारा अपनी कोमल आवाज में रोना ऐसा
प्रतीत होता है मानो तुम शांत रहकर कोई
विद्रोह कर रही हो ।
पांचवा प्रतिक्रिया :-
अंत में कवि की जलन भावना दिखाई देती है।
कवि कोयल से कहता है कि-
"तुझे मिली हरियाली डाली ,
मुझे नसीब कोठरी काली । "
तुम्हारा नसीब बहुत अच्छा है। तुम्हे तो हरियाली पेड़ो की डाली नसीब हुई है और मुझे देखो , मुझे यह काल कोठरी नसीब हुई है ।
" तेरा नभ - भर में संचार
मेरा दस फुट का संसार "
तुम पूरे नभ में उड़ सकती हूं अर्थात तुम्हारा यह पूरा नभ ही संसार है, वहीं मुझे देखो , मेरे लिए मेरा यह दस फीट का काल कोठरी ही मेरा संसार है ।
" तेरा गीत कहावे वाह ,
रोना भी है मुझे गुनाह "
तेरी कुक को सुनकर लोग ' वाह ! ' करते है और मेरा रोना यहां गुनाह है ।
Answer:
कोयल की कूक सुनकर कवि को लगता है कि कोयल कोई संदेश लेकर आई है। संदेश विशेष है तभी वह अर्द्धरात्रि में आई है नहीं तो सुबह की प्रतीक्षा करती।
Explanation:
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