Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

Koi answer kr do badle me jo marks test me milega uska 2%tumko dedenge ​

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Answered by Anonymous
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भारत में बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है। शिक्षा का अभाव, रोजगार के अवसरों की कमी और प्रदर्शन संबंधी समस्याएं कुछ ऐसे कारक हैं जो बेरोज़गारी का कारण बनती हैं। इस समस्या को खत्म करने के लिए भारत सरकार को प्रभावी कदम उठाने की ज़रूरत है। विकासशील देशों के सामने आने वाली मुख्य समस्याओं में से एक बेरोजगारी है। बेरोजगारी उन्नति के रास्ते में बहुत बड़ी समस्या है। बेरोजगारी का अर्थ होता है काम करने की इच्छा करने वाले को काम न मिलना। आज भारत को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सभी समस्याओं में से बेरोजगारी की समस्या प्रमुख है। प्राचीनकाल में हमारा भारत पूर्ण रूप से संपन्न देश था इसी वजह से इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।

बेरोजगारी उन्नति के रास्ते में बहुत बड़ी समस्या है। बेरोजगारी का अर्थ होता है काम करने की इच्छा करने वाले को काम न मिलना। आज भारत को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सभी समस्याओं में से बेरोजगारी की समस्या प्रमुख है। प्राचीनकाल में हमारा भारत पूर्ण रूप से संपन्न देश था इसी वजह से इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।बहुत सालों से इस समस्या को दूर करने की कोशिशें की जा रही है। लेकिन अभी तक किसी को भी सफलता नहीं मिल पायी है। इसकी वजह से बहुत से परिवार आर्थिक दशा से खोखले हो चुके हैं। आर्थिक योजनाओं में यह सबसे बड़ी रुकावट है। हमारे देश में आर्थिक योजनाएँ तब तक सफल नहीं हो पाएंगी जब तक बेरोजगारी की समस्या खत्म नहीं हो जाती।

बेरोजगारी उन्नति के रास्ते में बहुत बड़ी समस्या है। बेरोजगारी का अर्थ होता है काम करने की इच्छा करने वाले को काम न मिलना। आज भारत को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सभी समस्याओं में से बेरोजगारी की समस्या प्रमुख है। प्राचीनकाल में हमारा भारत पूर्ण रूप से संपन्न देश था इसी वजह से इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।बहुत सालों से इस समस्या को दूर करने की कोशिशें की जा रही है। लेकिन अभी तक किसी को भी सफलता नहीं मिल पायी है। इसकी वजह से बहुत से परिवार आर्थिक दशा से खोखले हो चुके हैं। आर्थिक योजनाओं में यह सबसे बड़ी रुकावट है। हमारे देश में आर्थिक योजनाएँ तब तक सफल नहीं हो पाएंगी जब तक बेरोजगारी की समस्या खत्म नहीं हो जाती।आज हम स्वतंत्र तो हैं लेकिन अभी तक आर्थिक दृष्टि से सक्षम नहीं हुए हैं। हम चारों तरफ से चोरी, छीना-छपटी, खून और लूटमार की बातें सुनते रहते हैं। आज के समय में सभी जगह पर हड़तालें की जा रही हैं। आजकल हर किसी को अपने परिवार के पेट को भरने की चिंता रहती है।

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