Hindi, asked by anmolguptafms, 5 months ago

koi ek anuched likhdo please jise hindi अच्छसे sa aati ho vohi answer llde​

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Answered by khushidewangan012
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ufigi you are not the intended recipient you

2. Find the errors</p><p>a. 10 = X+Y</p><p>b.print("ALCPS)</p><p>c.x$="hello"</p><p>d. int x=10

Answered by chocolate90
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Explanation:

आलस्य सबसे बड़ा शत्रु क्यों है? मनुष्य दुर्बलताओं का पुतला है – क्रोध, ईर्ष्या-द्वेष, कामवासना, लोभ, मोह आदि अनेक शत्रु हैं, परन्तु ये शत्रु अहित तो करते हैं परन्तु सर्वस्व हरण नहीं करते। आलस्य परम् शत्रु इसलिए है कि वह सारे, सब प्रकार के कष्टों का जनक है। आलस्य हमें दरिद्र बनता है क्योंकि आलसी व्यक्ति परिश्रम नहीं करता तथा निरुद्यमी व्यक्ति कितना ही लक्ष्मीपति हो, उसका धन-भंडार शनैः शनैः खाली होता जाता है। आलस्य उन्नति तथा प्रगति का बाधक है क्योंकि प्रगति होती है योजनाबद्ध कार्य करने से और आलसी व्यक्ति मानसिक शिथिलता के कारण योजना नहीं बना पाता और शारीरिक शिथिलता के कारण योजना को पूरा नहीं कर पाता। विद्यार्थी आलस के कारण नियमित रूप सर अध्ययन नहीं करता और कक्षा में फिसड्डी रह जाता है, वार्धिक परीक्षा में उत्तीर्णः नहीं हो पता। सरकारी कार्यालय में काम करने वाला कर्मचारी ठीक से काम न करने के कारण पदोन्नति नहीं पाता जबकि उसका उद्यमी, परिश्रमी साथी उसका बॉस बन कर उस पर रौब झाड़ने लगता है। व्यापारी आलस्य के कारण समय पर खरीदार को अपना माल नहीं पहुँचाता, इससे उसका काम ठप्प हो जाता है। आलसी व्यक्ति खटिया पर पड़ा आराम करता है या गहरी नींद में सोया रहता है तथा कुम्भकर्ण की संज्ञा पाता है। स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध वायु, व्यायाम, आवश्यक हैं परन्तु आलसी व्यक्ति ब्रह्ममुहूर्त में उठना तो दूर रहा, सूर्योदय के बाद भी सोता रहता है; न व्यायाम करता है न प्रातःकालीन भ्रमण कर शुद्ध वायु का सेवन ही कर पाता है। नियमित भोजन न करने से उसकी पाचन-शक्ति भी दुर्बल पड़ जाती है और रोग उसे दबा लेते हैं। रोग, पातक और पाप दुर्बल व्यक्ति को ही दबाते हैं।

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