Hindi, asked by alligation7836, 1 year ago

kokila aur kaidi chapter bhavarth

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Answered by VikasYadav11
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कवि ने जेल के माहौल का बड़ा सटीक वर्णन किया है। जेल डाकू, चोरों जैसे खतरनाक अपराधियों का बसेरा होता है। जेल में भर पेट भोजन भी नसीब नहीं होता है। वहाँ ना जीने दिया जाता है और ना ही मरने दिया जाता है। जीवन की हर गतिविधि पर कड़ा पहरा लगा होता है। ऐसा लगता है जैसे शासन नहीं बल्कि अंधेरे का प्रभाव पड़ा हुआ है। रात इतनी बीत चुकी है कि अब चाँद भी निराश करके जा चुका है। ऐसे में कवि को आश्चर्य होता है कि कोयल जैसा निरीह प्राणि वहाँ क्या कर रहा है।

2.कवि को लगता है कि कोयल की आवाज में एक वेदना से भरी हूक उठ रही है। ऐसा लगता है कि कोयल का संसार लुट गया है। मनुष्य जिस मानसिक स्थिति में होता है उसी तरह के मतलब वह अपने परिवेश से भी निकालता है। यदि आप खुश हैं तो सुबह के सूरज की लाली आपको सुंदर लगेगी। दूसरी ओर, यदि आप दुखी हैं तो वही लाली आपको रक्तरंजित लगने लगेगी।

3. कैदी के जीवन पर जेल के असर का चित्रण यहाँ हुआ है। वहाँ पर बेड़ियाँ और हथकड़ियाँ ही कैदी का गहना बन जाती हैं। कोल्हू चलने से जो चर्र चूँ की आवाज आती है वही कैदी का जीवन गान बन जाती है। कोल्हू के डंडे पर कैदियों की अंगुलियों के निशान इस तरह पड़ गये हैं जैसे उस पर गाने उकेर दिये गये हों।

कवि को लगता है कि जुआ खींच कर वह अंग्रेजों की अकड़ का कुआँ साफ कर रहा है। दिन में शायद करुणा को जागने का समय नहीं मिल पाया होगा, इसलिए रात में वह कोयल के रूप में कैदियों का ढ़ाढ़स बंधाने आई है।

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