Kolrash niyam Kya Hai iske do Anuprayog btaiye
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अनंत तनुता पर किसी विधुत अपघट्य की मोलर चालकता उसके द्वारा दिए गए धनायन व ऋणायन की मोलर आयनिक चालकता के योग के बराबर होती हैं।
अतः Λm0 = ν+ λ+0 + ν– λ–0
यहाँ Λm0 सीमांत मोलर चालकता
ν+ व ν– = धनायन व ऋणायन की संख्या
λ+0 व λ–0 = क्रमशः धनायन व ऋणायन की मोलर आयनिक चालकताएँ है।
कोलराउश नियम(Kohlrausch’s law) के अनुसार अनंत तनुता पर विधुत अपघट्य का पूर्णरूप से आयनन हो जाता है , विलयन की कुल मोलर चालकता में प्रत्येक आयन अपने हिस्से का योगदान करता है यह योगदान उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है न की सह आयन की प्रकृति पर।
उदाहरण :
(1) NaCl ⇌ Na+ + Cl–
Λm0 (NaCl) = λNa+0 + λCl-0
(2) KCl ⇌ K+ + Cl–
Λm0 (KCl) = λK+0 + λCl-0
(3) CaCl2 ⇌ Ca2+ + 2Cl–
Λm0 (CaCl2) = λCa2+0 + 2λCl2-0
(4) H2SO4 ⇌ 2H+ + SO42-
Λm0 (H2SO4) = 2λH+0 + λSO4(2-)0
(5) Al2(SO4)3 ⇌ 2Al3+ + 3SO43-
Λm0 (Al2(SO4)3) = 2λAl3+0 + 3λ(SO4)3-0
कोलराउश नियम के अनुप्रयोग(Kohlrausch’s law applications) :
(1) अनंत तनुता पर दुर्बल विधुत अपघट्य की मोलर चालकता का मान ज्ञात करना।
कोलराउस नियम की सहायता से दुर्बल विधुत अपघट्य जैसे CH3-COOH की अनंत तनुता पर मोलर चालकता निम्न प्रकार से ज्ञात करते है।
अनंत तनुता पर CH3-COOH निम्न प्रकार से आयनित होता है।
CH3-COOH ⇌ CH3COO– + H+
कोलराउस नियम से
Λm0 (CH3COOH) = λ CH3COO-0 + λ H+0 (समीकरण 1 )
CH3COONa , HCl , NaCl प्रबल विधुत अपघट्यो की अनंत तनुता की मोलर चालकता की सहायता से CH3COOH की सीमांत मोलर चालकता ज्ञात की जा सकती है।
CH3COONa ⇌ CH3COO– + Na+
Λm0 (CH3COONa) = λ CH3COO-0 + λ Na+0 (समीकरण 2 )
HCl ⇌ H+ + Cl–
Λm0 (HCl) = λ H+0 + λ Cl-0 (समीकरण 3 )
NaCl ⇌ Na+ + Cl–
Λm0 (NaCl) = λ Na+0 + λ Cl-0 (समीकरण 4 )
समीकरण 2 व 3 को जोड़कर समीकरण 4 घटाने पर
Λm0 (CH3COONa) + Λm0 (HCl) – Λm0 (NaCl)
= λ CH3COO-0 + λ H+0
अर्थात हमें Λm0 (CH3COOH) प्राप्त होता है।
अतः
Λm0 (CH3COOH) = Λm0 (CH3COONa) + Λm0 (HCl) – Λm0 (NaCl)
इसी प्रकार के NH4OH लिए
Λm0 (NH4OH) = Λm0 (NH4Cl) + Λm0 (NaOH) – Λm0 (NaCl)
इसी प्रकार के H2O लिए
Λm0 (H2O) = Λm0 (HCl) + Λm0 (NaOH) – Λm0 (NaCl)
Explanation:
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Answer:
i don't nooooooooooooooo