Sociology, asked by tanfizkadwaikar02, 1 month ago

Kon kon 10main hi please bolo​

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Answered by mahighagargunde
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अशोक तुलस्यान, चतरा

झारखंड के चतरा में एक किसान शंभू यादव ने कश्मीर की तर्ज पर स्ट्रॉबेरी की खेती को अपनाकर न सिर्फ एक अभिनव प्रयोग किया है, बल्कि आत्मनिर्भरता की एक मिसाल भी बन गए हैं। उन्होंने काफी बड़े क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए हैं। इन पौधों में अब चटक लाल रंग के स्ट्रॉबेरी फल आने से खेतों की सुंदरता अपने आप में बेहद खास नजर आ रही है। हालांकि, जब शंभू यादव ने स्ट्रॉबेरी की खेती का फैसला किया तो कई परेशानियां भी आईं। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी।

सिमरिया अनुमंडल स्थित हर्षनाथपुर गांव के किसान शंभू यादव इन दिनों खेत से स्ट्रॉबेरी फलों को तोड़ रहे हैं और स्थानीय मार्केट के साथ-साथ कोलकाता की मंडियों तक भी भिजवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय मार्केट में दो सौ रुपये और कोलकाता की मंडियों में छह से आठ सौ रुपये प्रति किलो स्ट्रॉबेरी बिक रहे हैं।

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शंभू यादव ने बताया कि कश्मीर की यात्रा के दौरान वहां की खेतों में स्ट्राबेरी की फसल देखी थी। इसी के बाद प्रेरित होकर इसकी खेती का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अब उनकी योजना दूसरे किसानों के साथ मिलकर स्ट्रॉबेरी की खेती बड़े पैमाने पर करने की है। अगर उनकी ये योजना सफल रही तो यहां के किसानों की तकदीर बदल जाएगी।

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