korona ka shiksha par prabhav ( nibandh)
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कोविड के कारण स्कूलों के बंद होने से बच्चे असमान रूप से प्रभावित हुए क्योंकि महामारी के दौरान सभी बच्चों के पास सीखने के लिए जरूरी अवसर, साधन या पहुंच नहीं थी.
• लाखों छात्रों के लिए स्कूलों का बंद होना उनकी शिक्षा में अस्थायी तौर पर व्यवधान भर नहीं, बल्कि अचानक से इसका अंत होगा.
शिक्षा को तमाम सरकारों की पुनर्निर्माण योजनाओं का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए ताकि दुनिया भर में हर बच्चे को निःशुल्क शिक्षा सुलभ की सके.
(लंदन, 17 मई, 2021) - ह्यूमन राइट्स वॉच ने आज जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सरकारों को कोविड-19 महामारी से हुए अभूतपूर्व व्यवधान के कारण बच्चों की शिक्षा के नुकसान की भरपाई के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए. ह्यूमन राइट्स वॉच की इस रिपोर्ट के साथ एक इंटरैक्टिव फीचर है जिसमें महामारी के दौरान शिक्षा से जुड़ी आम बाधाओं के गहराने की पड़ताल की गई है.
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कोरोना वायरस का प्रभाव आज समूचे विश्व पर पड़ रहा है। दुनिया भर के लगभग 190 देश इसकी चपेट में आ चुके है तथा अर्थव्यवस्था बुरी तरह जूझ रही है, हम धीरे एक वैश्विक मंदी कि तरफ बढ़ रहे है। इस वायरस की वजह से कितने देशों में लॉकडॉउन और कर्फ़्यू की स्थिति आ गई है। उद्योग जगत, सामाजिक आर्थिक क्षेत्र के साथ एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र इस वायरस से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है वो है उच्च शिक्षा का। भारत जैसे बड़ी एवं घनी आबादी वाले देश में फिर भी स्थित सकारात्मक है और भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी ने इस महामारी से देश को बचाने के लिए अनेकों ठोस कदम उठाए हैं।