Hindi, asked by amandwivedi17, 4 months ago

koyal kise dekh kr mon sad leti hai​

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Answered by Anonymous
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कवियों ने कोयल का बड़ा गुणगान किया है। किसी के लिए वह भोर की संवाहक है, तो किसी के लिए पूजा की रीत। उसकी सुबह की तान मनोहारी है। मगर आपदा में युद्धरत होने पर यही माधुर्य उसके स्वर से यूं तिरोहित होता है, जैसे कैमिकल के दूध से बने कलाकंद का स्वाद। हमें यकीन है कि अन्य पंछियों के कलरव का भी भोर को संगीतमय बनाने में उतना ही योगदान है, जितना कोयल का। अंतर सिर्फ यही है कि कोयल का प्रचार तंत्र अधिक प्रभावी है।

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