Hindi, asked by riya52151, 10 months ago

krit aur taddhi pratyay ka antar udahran sahit spast kijie​

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Answered by rajwalia
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Answer:

कृत प्रत्यय संपादित करें

वे प्रत्यय जो क्रिया या धातु के अंत में लगकर एक नए शब्द बनाते हैं उन्हें कृत प्रत्यय कहा जाता है ।कृत प्रत्यय से मिलकर जो प्रत्यय बनते है उन्हें कृदंत प्रत्यय कहते हैं । ये प्रत्यय क्रिया और धातु को नया अर्थ देते हैं । कृत प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण भी बनाए जाते हैं ।

जैसे:लिख +अक = लेखक

(i) लेख, पाठ, कृ, गै , धाव , सहाय , पाल + अक = लेखक , पाठक , कारक , गायक , धावक , सहायक , पालक आदि ।

(ii) पाल् , सह , ने , चर , मोह , झाड़ , पठ , भक्ष + अन = पालन , सहन , नयन , चरण , मोहन , झाडन , पठन , भक्षण आदि ।

(iii) घट , तुल , वंद ,विद + ना = घटना , तुलना , वन्दना , वेदना आदि ।

(iv) मान , रम , दृश्, पूज्, श्रु + अनिय = माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय आदि ।

(v) सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष् , लिख , भट , झूल +आ = सूखा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा , लिखा ,भटका, झूला आदि ।

तद्धित प्रत्यय संपादित करें

कुछ उदाहरण संपादित करें

वान

यह किसी व्यक्ति की विशेषता दर्शाते समय उपयोग होता है। जैसे यह पहलवान बहुत बलवान है।

धन + वान = धनवान

विद्या + वान = विद्वान

बल + वान = बलवान

ता

उदार + ता = उदारता

सफल + ता = सफलता

पण्डित + आई = पण्डिताई

चालाक + ई = चालाकी

ज्ञान + ई - ज्ञानी

ओं

इसका उपयोग एक वचन शब्दों को बहुवचन शब्द बनाने के लिए किया जाता है।

भाषा + ओं = भाषाओं

शब्द + ओं = शब्दों

वाक्य + ओं = वाक्यों

कार्य + ओं = कार्यों

याँ

नदी + याँ = नदियाँ

प्रति + याँ = प्रतियl

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