Kuch ke aitihasik sthal
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Explanation:
1) भुज से दक्षिण की और ५ माइल दूर भारापर से पास टपकेश्वरी माताजी का मंदिर एक सुन्दर जगह हैं जो कहा जाता है कि ४५० वर्ष पहले यहां कच्छ के तत्कालीन महारावश्री विजयरायजी ने बनवाया था !सुना गया है कि उस समय माताजी ने दर्शन दिये थे तब वहा उनकी प्रतिमा के रुप मे स्थापित हो गई थी जो मुर्त आज भी मंदीर के बाये बाजु पुर्व मे यथास्थित है, और मंदिर के अंदर पुजा के लीए दोहरी स्थापित की गयी हैं !
टपकेश्वरी आने पर एक हिमाचल या उत्तर भारत के गढवाल का सा, होने जैसा आनंद महसुस होता है तथा यह रमणीय स्थल है ऐसा भी कह सकते है !टपकेश्वरी मंदिर के पास ही सेकडो वर्षो पुराने कमरे दर्शनार्थीयो के रहने के लीये उस समय के कला को दर्शाते है !
मंदिर उत्तर भाग को छोड तीन तरफ से ढक्के पहाडो के बीच मे बना हुआ है, पश्चिम तरफ मे ऊपर की और छोटीसी गुफाऐं है साथ ऊपर के लीये चडाव का रास्ता भी वही से जाता है
2) वसई जैन तिर्थ(जैन मंदिर), भद्रेश्वर कच्छ, माना जाता है कि अंदाजतन २५०० वर्ष पुर्व निर्माण कीया गया था ! वर्ष २००१ के भुकम्प के दौरान मंदिर खन्डित हो गया, संपुर्ण संगमरमर का बना हुआ था, भुकंप में खंडित होने से मंदिर को संपुर्ण तोड.कर फिर से बनाने का कार्य पिछ्ले ४-५ वर्षो से तेजी से चल रहा है!
पुराने मंदिर की हि बांती नया कार्य और नक्षा ध्यान मे लीया गया है, द्वार से भितर जाने पर गर्भ मे भगवान महावीर की मुर्त के मुख के से दर्शन होते हुए दिखेगे, राजस्थान के लाल पत्थर व संगमरमर का इस्तेमाल और राजस्थान के कारीगरो द्वारा मंदिर का कार्य सुन्दर रुप से निर्माण किया जा रहा है!