kuch Shiksha ke mahatva sampadakiya
Answers
प्रकाश से यहाँ तात्पर्य ज्ञान से है । ज्ञान से व्यक्ति का अंधकार नष्ट होता है । उसका वर्तमान और भावी जीने योग्य बनता है । ज्ञान से उसकी सुप्त इन्द्रियाँ जागृत होती हैं । उसकी कार्य क्षमता बढ़ती है जो उसके जीवन को प्रगति पथ पर ले जाती है ।
शिक्षा का क्षेत्र सीमित न होकर विस्तृत है । व्यक्ति जीवन से लेकर मृत्यु तक शिक्षा का पाठ पढ़ता है । प्राचीन काल में शिक्षा गुरुकुलों में होती थी । छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण करके ही घर वापिस लौटता था । लेकिन आज जगह-जगह सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य होता है ।जहां राजाओं ने लड़ाइयाँ तलवार की नोंक पर जीतीं और साम्राज्य स्थापित किए, वहीं चाणक्य ने अपनी बुद्धि से सम्पूर्ण नन्द वंश का नाश कर चन्द्रगुप्त को राजा बनाया । यहां जीत बुद्धि की हुई जिसे धार दी ज्ञान ने । विद्या और सुख एक साथ प्राप्त नहीं हो सकते ।
सुख चाहने वाले को विद्या और विद्या चाहने वाले को सुख त्याग देना चाहिए । विद्याहीन पशु-समान है । जिसे कोई पसन्द नहीं करता । इसलिए श्रेष्ठ विद्वान् से ही उत्तम विद्या प्राप्त करनी चाहिए, भले ही वह किसी भी जाति का क्यों न हो –
उत्तम विद्या लीजिए यद्यपि नीच पै होय। परयौ अपावन ठौर में कंचन तजत न कोय ।।
शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान के प्रकाश से शुभाशुभ, भले बुरे की पहचान कराके आत्म विकास की प्रेरणा देती है । उत्रति का प्रथम सोपान शिक्षा है । उसके अभाव में हम लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकते ।
जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिएशिक्षा सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है। यह जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने का पाढ़ सिखाने में बहुत मदद करती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को भी बढ़ावा देती है।
आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा मुख्य भूमिका को निभाती है। आजकल, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके हैं। शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनीपढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानीसे किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।