Hindi, asked by samarthgupta19may201, 5 hours ago

KUNDALIYA
दरबार में आत्मसंयम के विषय में कवि के क्या विचार हैं ?​

Answers

Answered by mrsanjusingh78
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Answer:

शास्त्रों के अनुसार अर्थ, समय, विचार और आत्म चार प्रकार के ...

Answered by llFairyHotll
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Answer:

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गिरधर कविराय द्वारा रचित कुंडलिया काव्य रचना में व्यवहारिक एवं नीतिगत शिक्षा दी गई है| गिरधर कविराय ने सरल सहज सुगम भाषा में अत्यंत उपयोगी जीवन दर्शन किया है प्रस्तुत छंदों में पैदल यात्रियों के लिए लाठी एवं कंबल का महत्व गुणों का महत्व संसार की स्वार्थपरता सत्संगति का महत्व परोपकार तथा सभ्य आचरण आदि विषयों पर कवि ने अपने विचार व्यक्त किए हैं|

प्रसंग:- इस पद्य में कवि ने लाठी के महत्व को दर्शाया है|

भावार्थ:- पैदल यात्रियों को लाठी की उपयोगिता के विषय में समझाते हुए कभी कहते हैं कि धूल भरे दुर्गम रास्ते पर चलने वाले पथिक! तुम्हें लाठी जैसी उपयोगी वस्तु को देव अपने साथ रखना चाहिए इसकी सहायता से मार्ग में पड़ने वाले गड्ढों, नदी तथा नाले आदि को पार सरलता से किया जा सकता है| जंगल के रास्ते पर कुत्ता या अन्य जानवर आक्रमण करे तो मार भगाया जा सकता है लुटेरों से चोर लुटेरों से या दुश्मनों से अपनी रक्षा की जा सकती है| गिरधर कविराय जी कहते हैं दूसरे सभी शस्त्रों के अपेक्षा लाठी अनेक कार्य में काम आती है| अतः यात्रा में इसे अपने साथ रखना चाहिए|

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