kundli path kavi girdhar rai dwara likhit dusri gadyansh ka भवार्थ
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व्याख्या - दूसरी कुंडली में कवि ने कम्बल का महत्व बताते हुए कहा है किइसका मूल्य कम् होता है लेकिन यह बहुत काम की बस्तु है. यह व्यक्ति का मान बढ़ाती है, मार्ग में गठरी बाधने के काम आती है तथा रात को बेचकर सोने का काम भी लिया जाता है.
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