kusangati ke Labh aur Hani in paragraph in Hindi
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kusangati ke Labh aur Hani in paragraph in Hindi
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महान ज्ञानी चाणक्य का कहना था कि कभी भी किसी अच्छे व्यक्ति की दुश्मनी लेना भला होता है एक बुरे व्यक्ति की कुसंगति करने से. क्यूंकि कोई भी कुसंगति आपको कुछ समय के लिए सुख देगा लेकिन आपके जीवन में बहुत सारी हानियां देगा। ये बात तो कुछ उसी प्रकार हो गयी की की गंदगी को साफ़ न करना तो सबको अच्छा लगता है क्यूंकि उसमे शर्म लगता है लेकिन बाद में बीमारियां भी उसी गंदगी से ही फैलती है.
कोई भी व्यक्ति किसी की संगति के बिना नहीं रह सकता है चाहें वो अच्छी हो या बुरी लेकिन हम दुनिया में अकेले कोई भी सफर नहीं शुरू कर सकते हैं. हमे किसी न किसी की जरूरत अवश्य पड़ती है. बस अंतर् ये है की यदि हम किसी की अच्छी संगति में रहते हैं तो हम हमेशा कुछ अच्छा करते हैं और यदि हम किसी की बुरी आदतों को अपना दोस्त बना लेते हैं तो हो सकता है की हमे कुछ समय के लिए अच्छा लगे लेकिन हम अंदर से कभी भी संतुस्ट नहीं हो पाते.