Hindi, asked by rahila4260, 1 year ago

Kutiya, asafal , gyan, nadi muddoke aadhare kahani

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Answered by mchatterjee
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यह कहानी कल्पनात्मक है--


कहते हैं कि ज्ञान से युक्त व्यक्ति कभी भी जिंदगी में असफल नहीं होता। मगर यह बात भी सत्य है कि समय और पैसों के आगे ज्ञान भी हार जाता है। यह कहानी है एक बालक की जिसने तीन साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। वह पढ़ने में अच्छा था। मगर गरीबी ने उससे उसका घर छिन लिया।



वह अपने मां को लेकर घर से दूर चला गया। चलते-चलते नदी के किनारे पहुंच गया। वहां एक कुटिया थी जो किसी संत का था। वहां पर वह रहने के लिए संत से आग्रह कर रहा था। संत ने कहां बालक तू बहुत सुंदर है और परिश्रमी भी। मैं तेरे ज्ञान को परखना चाहूंगा। यदि तू पास हो गया तो तू और तेरी मां को यहां मैं रहने की इजाजत दे सकता हूं।



बालक राजी हो गया और संत के हर सवाल का जवाब दे गया बिल्कुल ठीक तरह से। संत का कोई परिवार नहीं था। संत ने उस बालक को अपना उत्तराधिकारी मान लिया और उसे पढ़ाया लिखाया और असफल नहीं होने दिया।



Answered by ferozpurwale
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Answer:

यह कहानी कल्पनात्मक है--

कहते हैं कि ज्ञान से युक्त व्यक्ति कभी भी जिंदगी में असफल नहीं होता। मगर यह बात भी सत्य है कि समय और पैसों के आगे ज्ञान भी हार जाता है। यह कहानी है एक बालक की जिसने तीन साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया। वह पढ़ने में अच्छा था। मगर गरीबी ने उससे उसका घर छिन लिया।

वह अपने मां को लेकर घर से दूर चला गया। चलते-चलते नदी के किनारे पहुंच गया। वहां एक कुटिया थी जो किसी संत का था। वहां पर वह रहने के लिए संत से आग्रह कर रहा था। संत ने कहां बालक तू बहुत सुंदर है और परिश्रमी भी। मैं तेरे ज्ञान को परखना चाहूंगा। यदि तू पास हो गया तो तू और तेरी मां को यहां मैं रहने की इजाजत दे सकता हूं।

बालक राजी हो गया और संत के हर सवाल का जवाब दे गया बिल्कुल ठीक तरह से। संत का कोई परिवार नहीं था। संत ने उस बालक को अपना उत्तराधिकारी मान लिया और उसे पढ़ाया लिखाया और असफल नहीं होने दिया।

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