kya aajadi ka sambandh kram se h?agar haa to kese "?aajadi kavita ke aadhar per shpest limited!
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जवाब: ईश्वर द्वारा सभी प्राणियों को कर्म करने की स्वतंत्रता मिली है। कोई भी प्राणी कभी भी इच्छानुसार कैसा भी कर्म कर सकता है। इन कर्मों की आजादी के कारण ही जीवन में नयापन बना रहता है। यदि कर्म करने की आजादी न हो तो जीवन में जीवन जैसा कुछ भी नहीं रहेगा। इसी आजादी के कारण व्यक्ति पाप, पुण्य या मुक्ति में गति कर सकता है। कर्मों की इस आजादी के कारण सबको अपना-अपना फल मिलता रहता है और व्यक्ति उसको भोगता रहता है। इसी कारण जगत में इतनी विविधता दिखाई पड़ती है। इसलिए भगवान गीता में कहते हैं सभी प्राणी कर्म करने में स्वतंत्र
इस प्रकार ये कर्म शुद्ध कर्म कहे जाते हैं जो व्यक्ति को बांधते नहीं, बल्कि मुक्ति में सहायक होते हैं। भगवान यदि कह रहे हैं कि कर्मों और कर्म फलों को मुझे अर्पण कर दें, तो इसका मतलब भगवान हमारे कर्मों और फलों की आजादी पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं बल्कि कर्म करने की सही विधि से हमको सीखा रहे हैं, जिससे कर्म भी हो जाए और वह कर्म हमें परेशान भी न करें☺☺☺
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