kya aapko lagta hai ki Waqt Ke Sath Sath Feri Walon ke Sawar kam hue hain Karan likhiye 10 se 15 line mein
please answer in hindi
class 7th ncert hindi book वसंत
chapter 5 मिठाईवाला
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Answer:
पत्र-लेखन का हमारे जीवन में काफ़ी महत्त्व है, किंतु आजकल टेलीफ़ोन, मोबाइल व कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग से पत्र लिखने का चलन कुछ कम हो गया है। फिर भी किसी सरकारी विभाग से अपनी समस्या की शिकायत करनी हो, कहीं से कोई आवश्यक वस्तु मँगवानी हो अथवा विवाह या किसी सरकारी विभाग से अपनी समस्या की शिकायत करनी हो, कहीं से कोई आवश्यक वस्तु मँगवानी हो अथवा विवाह या किसी अन्य उत्सव कार्यक्रम के लिए अपने प्रियजनों को आमंत्रित करना हो, तब हमें पत्र लिखने की आवश्यकता होती है। अतः पत्र-लेखन आज के युग में उपयोगी है। पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
पत्र की भाषा सरल व स्पष्ट हो। हमें विस्तृत वर्णन से बचना चाहिए।
आयु व संबंध के अनुकूल शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।
विचारों की क्रमबद्धता का ध्यान रखना चाहिए। पत्र का उद्देश्य व विषय-वस्तु स्पष्ट होनी चाहिए। पत्र में उसके सभी अंगों का प्रयोग करना चाहिए।
पत्रों के प्रकार
पत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
1. अनौपचारिक या निजी पत्र – ये पत्र अपने निकट संबंधियों अथवा मित्रों को लिखे जाते हैं। इनमें निजी बातों का ब्योरा (वर्णन) होता है।
2. औपचारिक पत्र – ये पत्र उन्हें लिखे जाते हैं जिससे हमारा निजी संबंध नहीं होता। ये कई प्रकार के हो सकते हैं; जैसे-प्रार्थना
पत्र, कार्यालयी-पत्र, व्यावसायिक-पत्र आदि।
प्रार्थना पत्र – प्रधानाचार्य को आवेदन के लिए लिखे जाने वाले पत्र।।
कार्यालयी पत्र – किसी सरकारी अधिकारी, विभाग को लिखे गए पत्र आदि।
व्यावसायिक पत्र – दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आदि।
पत्र के आठ मुख्य अंग होते हैं
1.प्रेषक का पता
2.तिथि
3.संबोधन
4.अभिवादन
5.विषयवस्तु
6.समाप्ति
7.हस्ताक्षर
8.पता