Hindi, asked by kadelarealstate00, 11 months ago

kya bhagwan ka koi astitv hai​

Answers

Answered by dhirenkumardas2
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ये तो आपकी मान्यता पर निर्भर करता है , की आप ईश्वर के असतित्व को विश्वास करते है या नहीं।

पर, मै कहूंगी की भगवान का अस्तित्व है।

Answered by sakshinishad10
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Answer:

एह बात का उत्तर देने से पहले मे जानाना चाहती हु की आप किस भगवान की बात कर रहे है.. क्यों की हर इंसान के भीतर भगवान की छबि अलग अलग है.

एक हिन्दू के विषय मे उसका भगवान शिव, विष्णु, ब्रम्हा और अन्य 33 करोड़ देवी देवताओं मे से हो सकता है.

एक मुस्लिम के लिए अल्लाह है.

एक क्रिस्चन ईसू मे अपना भगवान देखता है..

इसी तरह दुनिया मे अलग अलग हिस्सों मे अलग अलग रूप से भगवान को माना गया है.

तो क्या सदियों से हमारे दिल मे भगवान की जो छबि है क्या वो सही है.?

मेरे मत अनुसार तो बिलकुल भी नहीं… इसमे मतलब एह नहीं है की मे भगवान मे विश्वास नहीं करती या मे नास्तिक हु.. जी नहीं मे नास्तिक नहीं हु पर मे उस भगवान मे विश्वास करती हु जो वास्तव मे है…

मेरे मत अनुसार दुनिया मे जितने धर्म है और हर धर्म अनुसार जो छबि भगवान के बारे मे बताई गई है और भगवान के बारे मे जो भी प्रचार किया गया है वो सब गलत है..

चाहे वो दुनिया का कोई भी धर्म हो हा धर्म अनुसार बताये गए कोई भी भगवान ….

आखिर क्यों मे ये बात कह रही हु जबकि दुनिया की ज्यादातर आबादी इन्ही सब धर्म और भगवान मे विश्वास करती है…

इसका जवाब देने से पूर्व एक सवाल मे सभी धर्म के लोगो को पूछना चाहती हु.

हर धर्म अनुसार उनका भगवान सबसे महान है और इस सृस्टि का सर्जनकर्त है. और इस सृस्टि मे जो भी घटता है है उसके पीछे उनके भगवान का है हाथ होता है.

मेरा सवाल अगर इन धर्म के अनुसार उनके भगवान है पूरी सृस्टि का सर्जन किया है तो दुनिया के अलग अलग हिस्सों मे भगवान की अलग अलग छबि क्यों है..

मेरा तात्पर्य एह है की

क्यों हिन्दू धर्म और उसके भगवान सिर्फ भारत तक है सिमित रह गए..

क्यों अल्लाह का अस्तित्व दुनिया के कुछ हिस्सों तक है सिमित रह गया

क्यों जिसस को मान ने वाला धर्म भी दुनिया का एक हिस्से तक है रहा.

मेरे मत अनुसार….. भगवान इतना छोटा नहीं है की दुनिया के हर हिस्सों मे बट जाये.

और इतना नासमझ भी नहीं है की दुनिया मे अलग अलग रूप मे दुनिया मे आपे और हर रूप मे आके एक अलग धर्म का निर्माण करें.. जिसके की इंसान धर्म को लेकर भविष्य मे लड़ता रहे और अपने अपने भगवान को महान साबित करने मे लगा रहे…

मेरा तात्पर्य एह है की हम इंसान ने भगवान और उनकी सक्ती को बहोत छोटा कर दिया है…..

तो आखिर भगवान कौन है

मेरे मत अनुसार भगवान एक ऐसी सक्ती है जिसको ना है इंसान ने कभी देखा है और ना है कभी समझा है.. और नहीं कभी समज पायेगा.. क्यों की भगवान की सक्ती भगवान की मौजूदगी को समझना इंसान के बस की बात नहीं है..

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