Hindi, asked by madhvi83, 6 months ago

kya koi ek hasya kavita bata sakta h?​

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Answered by himab8420
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वह सात स्वर्ग, अपवर्ग, मोक्ष से भी ऊँचा उठ जाता है...

अदवायन खिंची खाट में जो पड़ते ही आनंद आता है।

वह सात स्वर्ग, अपवर्ग, मोक्ष से भी ऊँचा उठ जाता है।

जब 'सुख की नींद' कढ़ा तकिया, इस सर के नीचे आता है,

तो सच कहता हूँ इस सर में, इंजन जैसा लग जाता है।

मैं मेल ट्रेन हो जाता हूँ, बुद्धि भी फक-फक करती है।

भावों का रश हो जाता है, कविता सब उमड़ी पड़ती है।

मैं औरों की तो नहीं, बात पहले अपनी ही लेता हूँ।

मैं पड़ा खाट पर बूटों को ऊँटों की उपमा देता हूँ।

मैं खटरागी हूँ मुझको तो खटिया में गीत फूटते हैं।

छत की कड़ियाँ गिनते-गिनते छंदों के बंध टूटते हैं।

मैं इसीलिए तो कहता हूँ मेरे अनुभव से काम करो।

यह खाट बिछा लो आँगन में, लेटो, बैठो, आराम करो।

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