Hindi, asked by ss1309966, 19 days ago

लो अतीत से उतना ही जितना पोषक है ਲਾਡੀ ਧੀ ਦੇ ਵੱਡੇ नयतकातोड जीर्ण-शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है जिरले तोड़ो बंधन, रुके न चिंतन गति, जीवन का सत्य चिरंतन फातिक काकी धारा के शाश्वत प्रवाह में इतने गतिमय बनो कि जितना परिवर्तन है।
bhavarth batado jo sahi bataya ga wo brainloest bana ga​

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Answered by samalpriyansu501
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अतीत से उतना ही जितना पोषक है ਲਾਡੀ ਧੀ ਦੇ ਵੱਡੇ नयतकातोड जीर्ण-शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है जिरले तोड़ो बंधन, रुके न चिंतन गति, जीवन का सत्य चिरंतन फातिक काकी धारा के शाश्वत प्रवाह में इतने गतिमय बनो कि जितना परिवर्तन है।

bhavarth batado jo sahi bataya ga wo brainloest bana ga

Answered by harinder172j
1

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Hope it's correct thank you ♥

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