'लोभ के कारण ही पाप उत्यन्न
होता है। इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखें।
please answer correctly in hindi
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हम पाप और पुण्य में भेद नहीं कर पाते। हम अच्छे और बुरे कार्य में भेद नहीं कर पाते। हम लोभ के वश में आकर बुरे कार्यों को भी करने लगते हैं। इस कारण समाज में हमारा मान सम्मान कम होता है और लोभ के कारण हम जो पाप करते हैं, उसके कारण अंत में हमें नर्क ही मिलता है।
लोभ के कारण हमने जो बुरे कार्य किए हैं, अंत में उसका परिणाम हमें भुगतना ही पड़ता है। लोभ ही पाप की जड़ होता है। हमें लोभ कभी नहीं करना चाहिए। लोभ यानी लालच एक ऐसी प्रवृत्ति है, जिसके वश में होकर हम ऐसे कार्य भी करते हैं, जो हमें नहीं करना चाहिए।
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the above answer is correct
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