Hindi, asked by arulchristy7380, 11 days ago

लोभस्य परिणामः निबंध लिखिए

Answers

Answered by udaypratap046
0

Answer:

Explanation:

लोभ वस्तु परक होता है और प्रेम व्यक्तिपरक।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध की शैली यह है कि वे पहले उसे परिभाषा में बांधते हैं फिर उसकी व्याख्या करते हैं।

लोभ किस सीमा तक बुनियादी जरुरत है किस सीमा के बाद लोलुपता में बदल जाता है ,दृष्टान्त देते हुए सिद्ध करते  हैं।

लोभ चाहे जिस वास्तु का हो जब बहुत बहुत बढ़ जाता है तब उस वस्तु की प्राप्ति उसके उपभोग से जी नहीं भरता।

मनुष्य चाहता है कि वह बार – बार मिले या बराबर मिलती रहे।

धन का लोभ जब रोग होकर चित में घर कर लेता है , तब प्राप्ति होने पर भी और पर भी इच्छा जगी रहती है।

जिसके कारण मनुष्य सदा आतुर और प्राप्त के आनंद से विमुख रहता है।

Similar questions