Hindi, asked by kanishthakur68, 1 year ago

ले चल माँझी मझधार मुझे , दे - दे बस अब पतवार मुझे इन लहरों के टकराने पर आता रह - रह कर प्यार मुझे ।मत रोक मुझे भयभीत न कर , मैं सदा कैंटीली राह चला ।पथ - पथ मेरे पतझारों में नव सुरभि भरा मधुमास पला ।फिर कहाँ डरा पाएगा यह पगले जर्जर संसार मुझे ।इन लहरों के टकराने पर , आता रह - रह कर प्यार मुझे ।मैं हूँ अपने मन का राजा , इस पार रहूँ उस पार चलँ । मैं मस्त खिलाड़ी हूँ ऐसा जी चाहे जीतें हार चलँ । मैं हूँ अबाध , अविराम , अथक , बंधन मुझको स्वीकार नहीं । मैं नहीं अरे ऐसा राही , जो बेबस - सा मार चलें कब रोक सकी मुझको चितवन , मदमाते कजरारे घन कब लुभा सकी मुझको बरबस , मधु - मस्त फुहारें सावन की । जो मचल उठे अनजाने ही अरमान नहीं मेरे ऐसे राहों को समझा लेता हूँ सब बात सदा अपने मन की इन उठती - गिरती लहरों का कर लेने दो श्रृंगार मुझे , इन लहरों के टकराने पर आता रह - रह कर प्यार मुझे । प्र०ा माँझी कौन होता है ? प्र०२ कवि किसका श्रृंगार करना चाहता है? प्र० ३ मन का राजा कौन होता है तथा कवि ने अपने को मन का राजा को कहा है ? प्र०५ मत रोक मुझे------------ मघुमास पला पंक्तियो के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

Answers

Answered by guduuu
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dear friend according to me it means that we should live and carry on moving whatever problem arises....

Asifakhan: i didnt think this is the correct answer
Answered by Asifakhan
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mere khayal se ye kehna chahrahe hai ki mai apne ap ka raja ho mujhe kuch mat bol mujhe mat rouk ye rahenja shayad
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