लोग ईश्वर की खोज में जगह-जगह भटकते हैं जबकि यह भी मान्यता है कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है! इस संबंध में अपने विचार स्पष्ट कीजिए!
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लोग ईश्वर को जगह जगह खोजते है।
परन्तु ऐसा क्यों?
ईश्वर कोई वास्तविकता नही है। ईश्वर ना ही हर कण में है। ईश्वर तो मन में है।
सोचो,
आपके पिता बीमार है, वह मृत्यु के काफी निकट है। डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए है। ऐसे में आप क्या करेंगे?
आप उम्मीद की खोज करेंगे।
उम्मीद ही हम विकट से विकट से परिस्थितियों में आगे बढ़ने का हौसला देती है। और हम उम्मीद देता कौन है? कौन है जिसके द्वार सबके लिए खुले है?
वह ईश्वर है।
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तो मैं क्या कहना चाहता हु?
ईश्वर कोई व्यक्ति, वस्तु, स्थान या कोई जीवित वस्तु नहीं है।
ईश्वर तो मन में वास करते है। ईश्वर हर एक कण में वास नही करते परंतु हर उस मनुष्य के मन में वास करते है जिसे उम्मीद की जरूरत होती है
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मैने कोई ऐसा उत्तर नही लिखा है जिससे किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचे। न हीं मैने ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल उठाया है।
यह केवल मेरा मत है।
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धन्यवाद।
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