लैगिक जनन और अलैगिक जनन में अंतर
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✴️लैगिक जनन:-
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✍️प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों के मिलने से बनी रचना युग्मज (जाइगोट) द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन (sexual reproduction) कहलाती है.✔️
✴️अलैगिक जनन:-
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✍️अधिकांश जंतुओं में प्रजनन की क्रिया के लिए संसेचन (शुक्राणु का अंड से मिलना) अनिवार्य है; परंतु कुछ ऐसे भी जंतु हैं जिनमें बिना संसेचन के प्रजनन हो जाता है, इसको आनिषेक जनन या अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) कहते हैं।✔️
✴️लैगिक जनन और अलैगिक जनन में अंतर:-
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1) अलैंगिक प्रजनन एक सरल प्रक्रिया है लेकिन यौन प्रजनन एक जटिल प्रक्रिया है।
2) अलैंगिक प्रजनन कोशिका-विभाजन द्वारा किया जा सकता है, लेकिन यौन प्रजनन कोशिका विभाजन द्वारा नहीं किया जा सकता है।
3) यौन प्रजनन के लिए हमें नर और मादा युग्मक की आवश्यकता होती है लेकिन अलैंगिक प्रजनन के लिए हमें युग्मक की आवश्यकता नहीं होती है।
4) अलैंगिक प्रजनन निर्मित कोशिका में निर्माता कोशिका के समान है लेकिन यौन प्रजनन में निर्मित कोशिका निर्माता कोशिका से अलग है।
☺️ThAnKs✳️✳️
@ArJuN$❇️❇️❤️❤️
प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों के मिलने से बनी रचना युग्मज (जाइगोट) द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन (sexual reproduction) कहलाती है।यदि युग्मक समान आकृति वाले होते हैं तो उसे समयुग्मक कहते हैं। समयुग्मकों के संयोग को संयुग्मन कहते हैं। युग्मनज या तो सीधे पौधे को जन्म देता है या विरामी युग्मनज बन जाता है जिसे जाइगोस्पोर कहते हैं। इस प्रकार के लैंगिक जनन को 'समयुग्मी' कहते हैं
अधिकांश जंतुओं में प्रजनन की क्रिया के लिए संसेचन(शुक्राणु का अंड से मिलना) अनिवार्य है; परंतु कुछ ऐसे भी जंतु हैं जिनमें बिना संसेचन के प्रजनन हो जाता है, इसको आनिषेक जनन या अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) कहते हैं।
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