Hindi, asked by nadeemmalvankar, 2 months ago


लोगों को यह कहते सुना जाता है कि एक और एक दो होते हैं, परंतु एक
कहावत है 'एक और एक ग्यारह' इस कथन का अभिप्राय है कि 'एकता
शक्ति' होती है । जब दो व्यक्ति एक साथ मिलकर प्रयास करते हैं तो
उनकी शक्ति कई गुनी
हो जाती है । मनुष्य सामाजिक प्राणी है । समाज अलग - अलग इकाईयों
का समूहबद्ध रूप है, जिसमें हर इकाई समाज को शक्तिशाली बनाती है ।
व्यष्टि रूप में, एक व्यक्ति का कोई महत्त्व नहीं, परंतु समिष्ट रूप में, वह
समाज की एक इकाई है । बाढ़ से बचने के लिए जब एक अंधे और लँगड़े
में सहयोग हुआ तो अंधे को लंगड़े की आँखें तथा लँगड़े को अंधे की टाँगे
मिल गईं और दोनों बच गए अर्थात एकता में बड़ी शक्ति है । जो समाज
एकता के सूत्र में बँधा नहीं रहता है, उसका पतन अवश्य होता है। भारत
की परतंत्रता इसी फूट का परिणाम थी । जब भारतवासियों ने मिलकर
आज़ादी के लिए संघर्ष किया तो अंग्रेजों को यहाँ से भागना पड़ा । गणित में
शून्य के प्रभाव से अंक दस गुने हो जाते हैं । अत: समाज का हर व्यक्ति
सामूहिक रूप से समाज की रीढ़ होता है ।
किसका पतन अवश्य होता है ?

A
जो शक्तिहीन होता है

B.
जो एकता के सूत्र में बँधा रहता है

C.
जो एकता के सूत्र में नहीं बँधा रहता है

D.
जो बुद्धि से हीन होता है​

Answers

Answered by vinayakraj201
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Answer:

B

jo ekta ke sutra me bandha rahta hai

correct me if I m wrong

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