लोहे के निष्कर्ष के तरीके कौन-कौन से हैं
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लोहा या लोह (Iron) आवर्त सारणी के आठवें समूह का पहला तत्व है। धरती के गर्भ में और बाहर मिलाकर यह सर्वाधिक प्राप्य तत्व है (भार के अनुसार)। धरती के गर्भ में यह चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसके चार स्थायी समस्थानिक मिलते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्या 54, 56, 57 और 58 है। लोह के चार रेडियोऐक्टिव समस्थानिक (द्रव्यमान संख्या 52, 53, 55 और 59) भी ज्ञात हैं, जो कृत्रिम रीति से बनाए गए हैं।
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लोहा एक मूलभूत सामग्री है जिसका लौह अयस्क से निष्कर्षण किया जाता है। शुद्ध लोहे का गलनांक 1530 डिग्री सेंटीग्रेड है और इसका घनत्व 7.86 ग्राम/सीसी है।
लोहा बनाना
लोहा बनाना संबंधित परिवर्तक एजेंट (परिवर्तक) का उपयोग करके लौह अयस्क के परिवर्तन की प्रक्रिया है।
हॉट मेटल (द्रव्य लोहा)
यह एक गर्म, द्रव्य और धात्विक उत्पाद है जो लौह अयस्क को परिवर्तित (सामान्यतया ब्लास्ट फर्नेस या कोरेक्स फर्नेस में) करके प्राप्त किया जाता है।
इसमें लगभग 93-94% लोहा (एफई) और अन्य तत्व/अशुद्धियां, जैसे कार्बन (4% ), सिलिकॉन (~ 1% ), मेंगनीज (+ 1% ), सल्फर और फास्फोरस होता है।
एकीकृत इस्पात संयंत्रों में इस्पात का उत्पादन करने के लिए हॉट मेटल एक प्रमुख आदान है।
पिग आयरन
यह एक ठोस (लम्पी) उत्पाद है जो पिग कास्टिंग मशीन में हॉट मेटल का घनीभवन करके प्राप्त किया जाता है।
विशिष्ट हम्पी शेप के कारण इसे पिग या पिग आयरन कहा जाता है। इसका मोटे तौर पर 2 श्रेणियों/ग्रेडों में उत्पादन किया जाता है।
फाउन्डरी ग्रेड पिग आयरन
कुपोला फर्नेस का उपयोग करते हुए कास्ट आयरन (सीआई) कास्टिंग्स का उत्पादन करने के लिए फाउंडरी में पिग आयरन का उपयोग किया जाता है।
मूलभूत/इस्पात बनाने के लिए ग्रेड पिग आयरन
पिग आयरन (हॉट मेटल सहित) का उपयोग इस्पात का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।