लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल,
नम होगी यह मिट्टी ज़रूर, आँसू के कण बरसाता चल।
सिसकियों और चीत्कारों से, जितना भी हो आकाश भरा,
कंकालों का हो ढेर, खप्परों से चाहे हो पटी धरा
आशा के स्वर का भार, पवन को लेकिन, लेना ही होगा,
जीवित सपनों के लिए मार्ग मुर्दो को देना ही होगा।
रंगों के सातों घट उड़ेल, यह अँधियाली रंग जाएगी,
उषा को सत्य बनाने को जावक नभ पर छितराता चल का आशय क्या है ।
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Explanation:
एक आदमी ने अपने जीवन काल कोसबसे अच्छा उपयोग करते हुए यह एक अशुद्ध पेस और सबसे खराब, बहुत आक्रामक होगा। उन कारणों के साथ-साथ व्यावहारिक लोगों के लिए, यह खंड केवल āp फॉर्म का उपयोग करेगा ।मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है आत्मनिर्भरता तथा सबसे बड़ा अवगुण है स्वाबलंबन स्वाबलंबन सबके लिए अनिवार्य है जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएं आती हैं यदि उनके कारण हम निराश हो जाएं संघर्ष से जी चुराने या मेहनत से दूर रहे तो भला हम जीवन में कैसे सफल होंगे आता आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बने तथा अपने आत्मविश्वास को जागृत करके मजबूत बने यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जागृत कर ले तो दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे बहन ना कर सके स्वयं में विनाश करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है सफलता स्वाबलंबी व्यक्ति के पैर छूती है आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता से आत्म बल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की ओर प्रशस्त होता है संभाल मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है आत्मानं आत्मविश्वास आत्मबल आत्मरक्षा साहस व संतोष धैर्य आदि गुण संभाल के संबोधन भाई है संभाल व्यक्ति के जीवन में संबोधन सफलता प्राप्ति कर का महामंत्र है l
मूल बातें
सामान्य संकेत
खुला हुआ
बन्द है
प्रवेश
बाहर जाएं
धक्का दें
खींचें
शौचालय
पुरुषों
महिलाओं
मना किया हुआ