ल्हासा की जीवन शैली कैसी थी ?
(क्षितिज - class 9 , ल्हासा की ओर )
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तिब्बत की राजधानी ल्हासा का नीला आसमान, सफेद बादल, हरा-भरा नजारा और साफ सड़कें मन मोह लेती हैं। इतना ही नहीं, यहां की ऊंची इमारतें और बड़े-बड़े शॉपिंग सेंटर आधुनिकता का अहसास भी कराते हैं। पोतला महल यहां का मुख्य आकर्षण है, जब लोग यहां यानी पोताला महल पहुंचते हैं तो यहां की खूबसूरती को घंटों निहारते रहते हैं। यह आस्था का प्रमुख स्थल है, साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी, यह विशाल निर्माण दुनिया के ऊंचाई पर बने विशाल महल के रूप में पहचाना जाता है। पोताला महल इस दुनिया में अलौकिक और अद्भुत स्थान है।
तिब्बत में, तिब्बती, मेनपा, लुओपा, हान चीनी, हुई, शेरपा और आदि रहते हैं। उनमें से तिब्बती मुख्य निवासी हैं, जिनका क्षेत्रीय आबादी का 92 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं। वास्तव में, तिब्बती लोग आशावादी, साहसी और निर्भीक होते हैं।
पुराने समय में, तिब्बती किसान जौ की फसल सबसे ज्यादा उगाते थे, और छोटे-छोटे गांवों में रहते थे। घूमने वाले खानाबदोश याक और भेड़ चराकर अपना जीवन यापन करते थे। शहरों में अधिकांश तिब्बतियों ने कारीगरों के रूप में जीवन यापन किया। लेकिन आजकल अधिकाधिक लोग व्यवसायों में पलायन कर रहे हैं। हालांकि, समय बीतने के साथ उनकी विशेष जीवन शैली लुप्त नहीं हुई है।
तिब्बती पठार क्षेत्र का मुख्य भोजन बीफ, मटन और डेयरी उत्पाद हैं। यहां सब्जी कम ही देखने को मिलती है, खासकर चारागाह क्षेत्रों में। स्थानीय लोग सूखा कच्चा मांस भी खाते हैं। यदि आप स्थानीय चरवाहों या किसान के घर जाते हैं, तो आप सूखे गो-मांस और मटन को तंबू या घर में लटका हुआ देख सकते हैं।
तिब्बती में मेहमान नव़ाजी बहुत ही शिष्टता के साथ करते हैं। कई तरह के पेय भी स्थानीय भोजन के आवश्यक अंग हैं। सबसे लोकप्रिय हैं मक्खन वाली चाय, मीठी चाय और जौ की शराब। अन्य प्रसिद्ध स्थानीय भोजन में ज़ांबा (भुना हुआ जौ का आटा), मक्खन आदि शामिल हैं।