ल्हासा की ओर पाठ में प्रयुक्त मुहावरे को ढूंढकर लिखिए
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‘प्रेमचंद के फटे जूते’ लेखक हरिशंकर परसाई द्वारा रचित एक व्यंग रचना है। इसमें लेखक ने प्रेमचंद के फटे हुए जूते एवं उनके साधारण कपड़े जिसमें वे फोटो खिंचवाने भी चले जाते हैं, का वर्णन किया है। लेखक ने प्रेमचंद की सादगी का वर्णन करते हुए समाज में फैली दिखावे की परंपरा पर व्यंग किया है।
उत्तर :-
१. न्योछावर होना → मां अपने बेटे की वीरता पर न्योछावर हो रही थी।
२. ठाठ से रहना → मोहन ₹10000 की लॉटरी निकलते ही ठाठ से रहने लग गया है।
३. चक्कर काटना → आदिल से अपना कर्जा वसूलने के लिए पठान बार-बार उसके घर के चक्कर काट रहा है।
४. ठोकर मारना → कविता ने ठोकर मारकर पूजा को गिरा दिया।
५. भरा -भरा → हिम्मत सिंह का चेहरा उस की घनी मूछों के कारण भरा -भरा लगता है।
६. पहाड़ फोड़ना → प्रेमचंद जैसे रचनाकार पहाड़ फोड़ने में विश्वास करते थे उससे बच निकलने में नहीं।
७. हौसला पस्त करना → भारतीय क्रिकेट के खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने विरोधी टीम के हौसले पस्त कर दिए।
Explanation:
pls mark on brainlist
Answer:
phoolo aur laasho me tajagi chahta ha aadmi chutiya ha kuch bhi chahta ha