History, asked by pariharvinod588, 6 months ago

लौह ती नीति सेल्या आशय

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Answered by sachinjanuary16
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रक्त और लोहा सन् 1862 में जर्मन नेता बिस्मार्क द्वारा दिए गए एक भाषण का शीर्षक था जो आगे चलकर एक नारा बन गया। जर्मन में इसका मूल रूप "ब्लूट उन्ट आइज़ॅन" (Blut und Eisen) था, जिसका अंग्रेजी में अनुवादित रूप "ब्लड ऐण्ड आयरन" (Blood and Iron) है। यह भाषण बिस्मार्क ने जर्मनी के भिन्न राज्यों को इकठ्ठा गूंथकर एक राष्ट्र बनाने के विचार को आगे बढ़ाने के लिए दिया था। इस ख़िताब से वह अपने राज्य प्रुशिया को इस अभियान में नेतृत्व के लिए उकसाना चाहते थे। उनका कहना था के यह ध्येय उदारता के सिद्धांतों को अपनाने से नहीं बल्कि बल और साहस दिखने से प्राप्त होगा। उनके भाषण के अंतिम वाक्य थे[1] -

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