Political Science, asked by manishrajput1442003, 3 months ago

लोहिया के नवीन समाजवाद का मूल आधार नहीं है ?​

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Answered by shishir303
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डॉ राम मनोहर लोहिया का नवीन समाजवाद...

डॉ राम मनोहर लोहिया भारत में समाजवादी आंदोलन के एक अग्रणी नेता थे। समाजवाद की विचारधारा में एक उन्हे ‘उग्र’ विचारक माने जाते थे। उनका समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद के सिद्धांतों को मिलाकर बनाया गया समाजवाद था।

डॉ राम मनोहर लोहिया नें प्राचीन काल के प्रचलित समाजवाद को एक मृतप्राय सिद्धांत और कल की बात कहा था और उसकी जगह पर उन्होंने नवीन समाजवाद का प्रतिपादन किया। उनके इस नवीन समाजवाद के तीन मुख्य तत्व थे कि सभी उद्योगों, बैंकों तथा बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण हो। सारे संसार में जीवन स्तर का में बेहतरीन सुधार हो। एक विश्व संसद की स्थापना हो, जिसमें सारे देशों के प्रतिनिधि हों।

राम मनोहर लोहिया का नया नवीन समाजवाद आर्थिक और राजनीतिक शक्तियों के विकेंद्रीकरण के पक्ष में था। डॉक्टर लोहिया के अनुसार यह समाजवाद, सहकारी श्रम और ग्राम सरकार के माध्यम से व्यावहारिक रूप धारण कर सकता है।

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