लुईस अवधारणा को विस्तार से समझाइए
Answers
Answered by
1
Answer:
Here is your Answer Mate:
Explanation:
संयोजकता के इलेक्ट्रॉनिक सिद्धान्त के आधार पर जी ॰ एन॰ लुईस (G.N.Lewis) नामक Scientist ने सन् 1923 मेँ अम्ल तथा क्षार की नई व्यापक धारणा की , जिसे इलेक्ट्रॉन दाता ग्राही सिद्धान का नाम दिया गया ।
लुईस अम्ल वे पदार्थ/अणु जो किसी रासायनिक अभिक्रिया मेँ एकांकी इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण कर उप-सहसंयोजक बन्ध बनाते हैं । लुईस अम्ल कहलाते हैं । और इलेक्ट्रॉन युग्म ग्राही Electron pair acceptor को भी लुईस अम्ल कहते हैँ ।
उदाहरण :-
बोरॉन ट्राइफ्लुओराइड (BF3) , अमोनिया (NH3) से एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके बोरॉन ट्राइफ्लुओराइड अमोनिया यौगिक बनाता है -
यहाँ BF3 एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण (Accept) करता है , अतः BF3 लुईस अम्ल है । (see in pic above)
Hope this may helpful to you.
Thank you..
Attachments:
Similar questions
Math,
16 days ago
Math,
16 days ago
Social Sciences,
1 month ago
Computer Science,
1 month ago
Math,
8 months ago
English,
8 months ago