लोकोक्तियां किस तरह से मुहावरों से भिन्न होती हैं|
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Explanation:
विश्व की सभी भाषाओं में लोकोक्तियों का प्रचलन है। प्रत्येक समाज में प्रचलित लोकोक्तियाँ अलिखित कानून के रूप में मानी गई हैं। मनुष्य अपनी बात को और अधिक प्रभावपूर्ण बनाने के लिए इनका प्रयोग करता है।लोकोक्ति शब्द लोक+उक्ति के योग से निर्मित हुआ है। लोक में पीढि़यों से प्रचलित इन उक्तियों में अनुभव का सार एवं व्यावहारिक नीति का निचोड़ होता है। अनेक लोकोक्तियों के निर्माण में किसी घटना विशेष का विशेष योगदान होता है और उसी कोटि की स्थिति परिस्थिति के समय उस लोकोक्ति का प्रयोग स्थिति या अवस्था के स्पष्टीकरण हेतु किया जाता है, जो उस सम्प्रदाय या समाज को सहर्ष स्वीकार्य होता है। मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश होता है जिसके प्रयोग से अभिव्यक्ति-कौशल में अभिवृद्धि होती है। प्रायः मुहावरे के अंत में क्रिया का सामान्य रूप प्रयुक्त होता है। जैसे - i. नाकों चने चबाना , ii. दाँतों तले अंगुली दबाना।
अंतर: लोकोक्ति का अपर नाम ‘कहावत’ भी है। लोकोक्ति जहाँ अपने आप में पूर्ण होती है और प्रायः प्रयोग में एक वाक्य के रूप में ही प्रयुक्त होती है, जबकि मुहावरा वाक्यांश मात्र होता है। लोकोक्ति का रूप प्रायः एक सा ही रहता है, जब कि मुहावरे के स्वरूप में लिंग, वचन एवं काल के अनुसार परिवर्तन अपेक्षित होता है।