लड़का लड़की एक समान इस सन्दर्भ में अपने भाव एवं विचार प्रकट कीजिये।
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आज के इस युग में यहां इस बात पर जोर दिया जाता है कि लड़का-लड़की एक समान हैं। दोनों को शिक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सभी अधिकार समान रूप से मिले हुए हैं। ... ऐसे में आवश्यकता है कि उनको ऐसी मूल्य आधारित शिक्षा दी जाए जिससे वे आत्मनिर्भर और जागरूक होकर अपने सामाजिक मूल्य को समझें और आत्मविश्वास से समाज के लिए अपना योगदान दें। जिससे माता-पिता अपनी बेटियों की सुरक्षा के प्रति सावधानी के नाम पर उन्हें बंधनों में कैद करना शुरू कर दें। समाज के प्रत्येक वर्ग को स्त्रियों के मान-सम्मान और अधिकारों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए, ताकि समाज में एकता और प्रेम का संदेश दे सकें। अत: लड़कियों को भी दुनिया की परवाह किए बिना आगे बढ़ना चाहिए और अत्याचारों का विरोध कर सभी सामाजिक बुराइयों का अंत करना चाहिए, ताकि एक उत्तम समाज का निर्माण हो सके।
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अराजकता (anarchy) एक आदर्श है जिसका सिद्धांत अराजकतावाद (Anarchism) है। अराजकतावाद राज्य को समाप्त कर व्यक्तियों, समूहों और राष्ट्रों के बीच स्वतंत्र और सहज सहयोग द्वारा समस्त मानवीय संबंधों में न्याय स्थापित करने के प्रयत्नों का सिद्धांत है। अराजकतावाद के अनुसार कार्यस्वातंत्र्य जीवन का गत्यात्मक नियम है और इसीलिए उसका मंतव्य है कि सामाजिक संगठन व्यक्तियों के कार्य स्वातंत्र्य के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करे। मानवीय प्रकृति में आत्मनियमन की ऐसी शक्ति है जो बाह्य नियंत्रण से मुक्त रहने पर सहज ही सुव्यवस्था स्थापित कर सकती है। मनुष्य पर अनुशासन का आरोपण ही सामाजिक और नैतिक बुराइयों का जनक है। इसलिए हिंसा