'लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।' – हीरा के इस कथन के माध्यम
से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
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लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है। हीरा के इस कथन के माध्यम से पता चलता है कि प्रेमचंद नारी जाति का अत्यधिक सम्मान करते थे। नारी विभिन्न रिश्ते बनाकर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करती है। वह त्याग, दया, ममता, सहनशीलता का जीता जागता उदाहरण है। विपरीत परिस्थितियों में यदि नारी में क्रोध जैसे भाव आ भी जाते हैं तो इससे उसकी गरिमा कम नहीं हो जाती है और न उसके सम्मान में कमी आ जाती है। लेखक महिलाओं के प्रति अत्यधिक सम्मान रखता है। उसने यह भी कहना चाहा है कि जब पशु भी नारी जाति का सम्मान करते हैं तो मनुष्य को नारी जाति का सम्मान हर स्थिति में करना चाहिए।
Answer Explanation:
लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है। हीरा के इस कथन के माध्यम से पता चलता है कि प्रेमचंद नारी जाति का अत्यधिक सम्मान करते थे। नारी विभिन्न रिश्ते बनाकर समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन करती है। वह त्याग, दया, ममता, सहनशीलता का जीता जागता उदाहरण है। विपरीत परिस्थितियों में यदि नारी में क्रोध जैसे भाव आ भी जाते हैं तो इससे उसकी गरिमा कम नहीं हो जाती है और न उसके सम्मान में कमी आ जाती है। लेखक महिलाओं के प्रति अत्यधिक सम्मान रखता है। उसने यह भी कहना चाहा है कि जब पशु भी नारी जाति का सम्मान करते हैं तो मनुष्य को नारी जाति का सम्मान हर स्थिति में करना चाहिए।
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