Hindi, asked by agarwalparth1230, 10 days ago

लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है यह भूल जाते हो हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद्र के दष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए

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Answered by Anonymous
244

\underline{ \underline{\large\pink{\mathbb{ANSWER}}}}

प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी। नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है। इसलिए नारी पर प्रहार करने को अमानवीय कहा गया है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में स्त्री पात्र का आदर्श रूप प्रस्तुत किया है तथा इन्होंने स्त्री प्रधान रचनाएँ भी की हैं। इससे यह स्पष्ट है कि नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।

Answered by Shrαddhα
229

\large\sf\star{\underline{\underline{\color{pink}{उत्तर:-}}}}

प्रेमचंद के मन में नारी जाति के प्रति सम्मान की भावना थी। नारी का स्थान समाज में सर्वोपरि है, वह पूजनीय है। इसलिए नारी पर प्रहार करने को अमानवीय कहा गया है। प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में स्त्री पात्र का आदर्श रूप प्रस्तुत किया है तथा इन्होंने स्त्री प्रधान रचनाएँ भी की हैं। इससे यह स्पष्ट है कि नारी के प्रति प्रेमचंद का दृष्टिकोण अत्यंत व्यापक है।

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