Hindi, asked by cutiedoll143, 10 months ago

लौकाउन के दौरान घर में रहकर आपको क्या नया सीखने
को मिला या आपने अपनी किन रुचियों को पूरा किया?
अपने अनुभव अनुच्छेद रुप में लिखिए ।​

Answers

Answered by Prasant1010
4

Answer:

भारत ही नहीं, आज पूरी दुनिया लॉकडाउन की वजह से रुक-सी गई है। यह समय धीरज रखने का है। संकट की इस घड़ी में देश और समाज को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। हम सभी को समान रूप से इसके लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। मसला यह है कि आम आदमी घर में बैठकर करे तो क्या करे! इस बुरे वक्त में शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्थिति को सामान्य रखना भी एक बड़ी चुनौती होगी। सबको चिंता है। लॉकडाउन कब तक चलेगा? कहीं इसको दोबारा तो नहीं बढ़ा दिया जाएगा? जरूरी सामान मिलेंगे या नहीं? इस तरह के दसियों सवाल मन में हलचल मचा रहे होंगे। इस चिंता की वजह केवल हेल्थ और कामकाज नहीं, बल्कि इसके कहीं आगे की मानसिक दशा है। हम सभी को समझना होगा कि आज हम एक बहुत बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं।

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जीने से अधिक यह जिंदा रहने की चुनौती है। ऐसे में जरूरी है कि हम एक-दूसरे के लिए भावनात्मक सहारा बनें। इस दौरान आप वे सब काम करें, जिनसे खुशी मिलती हो। जब मैं शूटिंग पर नहीं जाता हूं, तो जिम में पसीना बहाना और वीडियो गेम में अच्छा-खासा वक्त बिताता हूं। अब यही काम मुझे लंबे समय तक करना पड़ेगा। कुछ नया सीखने की कोशिश करूंगा। एक मौका मिला है, नई बातें सीखने का। एक अच्छा बदलाव लाना है, तो खुद को पूरी तरह तैयार रखना होगा। मैं इसे ऐसा ही एक बेहतर समय मानकर आगे बढ़ रहा हूं। आप भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश करिए।

हम किसी न किसी काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि खुद के लिए समय निकाल ही नहीं पाते। समझ लें कि अब आपको यह मौका मिल रहा है कि आप खुद के साथ क्वालिटी टाइम गुजार सकें। सकारात्मक बने रहें। इससे आपको हर स्थिति से खुद को उबारने में जरूर मदद मिलेगी। जब हम घर पर खाली बैठते हैं, तो धीरे-धीरे बोरियत हावी होने लगती है। इसलिए खाली बैठने के बजाय कुछ सकारात्मक करने की कोशिश करें। टीवी, फिल्में और किताबें खाली समय में हमारी सबसे अच्छी दोस्त साबित होती हैं। अगर पेंटिंग का शौक रखते हैं, तो कैनवास पर हाथ आजमाइए।

गिटार और पियानो जैसे म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स बजाना सीखें। कोई ऐसी हॉबी, जो आप जाने कितने साल से अपने दिल में पाल रहे हैं, उसको पूरा करने का यह बढ़िया मौका है। लेकिन चाहे जो हो जाए, घर से बाहर मत निकलिए। बच्चे भी घरों में कैद हैं। उनके पास तो दिन भर टीवी देखने या वीडियो गेम खेलकर अपनी ऊब मिटाने के सिवाय अधिक विकल्प भी नहीं। कितना अच्छा हो, अगर आप भी उनके साथ बच्चे बन जाएं। खुद भी रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ें और अपने बच्चों को भी जोड़ें। बहुत से लोग अपने परिवार से दूर हैं।

किसी का भाई विदेश में फंसा हुआ है, तो किसी के बच्चे हॉस्टल में कैद होकर रह गए हैं। अपनों से दूर रहना सबके लिए बेहद पीड़ादायक होता है। सबको यही डर सता रहा है कि जाने प्रियजनों से कब मिलना होगा। यह मनःस्थिति हर इंसान के अंदर घर कर गई है। एक स्थान पर लंबे समय तक बंद रहना हमारा स्वभाव भी नहीं है। कई दिनों तक घर में बंद रहने की मजबूरी किसी बीमारी से कम नहीं है। मैं तो कहता हूं कि आप वह सब करिए, जो अपने घर में करते हैं। बस, बाहर मत निकलिए। अनुशासन और संयम में कुछ दिन गुजारिए तो सही, हो सकता है इसी बहाने कुछ अच्छी आदतें जिंदगी में शुमार हो जाएं। यह हमारे इतिहास का शायद सबसे बुरा दौर है, लेकिन हमें विश्वास रखना होगा कि यह बीतेगा जरूर और मानवता इस चुनौती पर भी विजय पा लेगी।

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