Hindi, asked by dilipjain98990, 1 month ago

लॉकडाउन के समय आप की स्थिति पर आधारित एक लघु कथा लिखिए​

Answers

Answered by ravindersingh80799
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Answer:

Explanation:

हम मजे की जिंदगी जी रहे थे अचानक से covid-19 ने बर्बाद कर दिया हम सब घर में क्या दोगे हमारा स्कूल जाना भी बंद हो गया हर जगह महामारी फैली हुई थी कोई घर से बाहर नहीं निकलता था शरीर के अंदर पंच रहते थे अब इस करो ना की वजह से हुआ है बहुत से लोगों की नौकरी भी चली गई धीरे-धीरे हमारी ऑनलाइन क्लासेस शुरु हो गई घर पर बैठे ऑनलाइन क्लासेस कर रहे थे धीरे-धीरे लोकडॉन खुल गया स्कूल खुल गए हमने सोचा कि दोबारा से मजेदार जिंदगी जिएंगे पर यह हमारी लापरवाही की वजह से दोबारा से करो ना की लहर आ गई अब फिर से हम ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं और घर के अंदर कैद हैं डॉक्टर और साइंटिस्ट का कहना है कि करुणा की तीसरी लहर भी आने वाली है आखिर में यही कहना चाहेंगे कि आप स्वस्थ और घर पर सुरक्षित रहें

Answered by chokshiyanti07
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Explanation:

मनकू दवे पैरों से जैसे ही घर से बाहर निकला रास्ते में खड़े एक पुलिस वाले ने उसको डांटना शुरू कर दिया। बोला — तुम लोग बाज नहीं आओगे जब पता है कि लॉकडाउन में घर से बाहर नहीं निकलना है तब भी बार-बार बाहर निकलते हो लगता है ऐसे नहीं मानोगे।

मनकू हाथ जोड़ते हुए घर के अंदर आ गया और बीबी से बोला- आजकल पुलिस वालों से बड़ा खतरा हो गया है गली-गली में बैठे हुए हैं। तो बाहर जाने की जरूरत क्या है? जब पता है कि कोरोना की बीमारी फैली हुई है ऐसे में खतरा मोल लेने में समझदारी नहीं बीबी ने बात काटते हुए कहा

मनकू नाराज होते हुए बोला— अरे इतने दिनों से घर बैठे बैठे बोर हो रहा था सोचा जरा यार दोस्तों से मिल आऊं पर क्या पता था की पुलिस गेट के बाहर ही खड़ी है? चलो फिर से देखता हूं शायद वह पुलिस वाला चला गया हो। मनकू धीरे से गेट के बाहर झांकने लगा पुलिस वाले को न देख कर बड़ा खुश हुआ और छुपते-छुपाते अपने दोस्त सुखिया के घर पहुंच गया लेकिन सुखिया ने बाहर आने से मना कर दिया।

बोला— माफ करना मनकू भाई मैं तो इस समय लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर रहा हूं तुम भी पालन करो और घर लौट जाओ इसी में देश की भलाई है। दोस्त की बात सुनकर मनकू बोला— ठीक है तुम डर कर बैठे रहो मैं हरिया के यहां जा रहा हूं। यह कहते हुए वह गुस्से में आगे बढ़ गया रास्ते में मोटरसाइकिल पर एक अजनबी दिखा जो उसी तरफ जा रहा था मनकू के कहने पर उसने लिफ्ट दे दी और दूसरे मोहल्ले तक छोड़ दिया।

मनकू खुशी खुशी धन्यवाद देते हुए बोला— भाई तुम कौन हो और कहां जा रहे हो? अजनबी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मुझे नहीं पहचाना—- मैं कोरोना हूं तुम जैसे लोगों के लिए ही बाहर घूमता रहता हूं। तब से मनकू अस्पताल में है।

———————————————————————– डॉ. रीतेश कुमार खरे प्रवक्ता -जंतु विज्ञान राजकीय महाविद्यालय ललितपुर

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