लॉकडाउन के समय मेरा अनुभव पर निबंध
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लॉकडाउन के समय मेरा अनुभव पर निबंध |
Explanation:
चीन में पनपा एक ऐसा वायरस जो विश्व में लाखों लोगों के मरने का कारण बन रहा है को हाल ही में एक महामारी घोषित किया गया है। इस महामारी से बचने का केवल एक ही रास्ता है जिसे लोकडाउन के नाम से जाना जाता है।
यह बीमारी बहुत तेजी से लोगों के बीच फैल रही है इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना अति आवश्यक है। यही कारण है कि सरकार ने देशभर में लोग डाउन लगा दिया और सभी मनुष्यों को एक दूसरे से मिलने या किसी भी प्रकार की सामाजिक समारोह में शामिल होने के लिए मना किया।
यह एक पहली ऐसी बीमारी है जो मेरे जीवनकाल में मैंने देखी है जिसमें स्वयं को बचाने के लिए हमें घर में बंद रहना पड़ रहा है। हालांकि लोग डाउन लगने की सबसे ज्यादा खुशी मुझे ही थी क्योंकि मैं विद्यालय जा कर थक चुका था और अब यह मेरे आराम करने का समय था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है इस लोग डाउन में मैं अब बहुत बोरियत महसूस करने लगा हूं।
यदि इस लोग डाउन में हमें बाहर की चीजें खाना बना नहीं होता और अपने मित्रों से मिलने की आजादी होती तो भले ही जिंदगी भर लोग डाउन लगता मुझे फर्क नहीं पड़ता लेकिन केवल अपने घर की चारदीवारी यों के बीच रहने से मैं तंग आ चुका हूं।
योगदान के समय बाहर के जंक फूड की कमी पूरी करने के लिए हालांकि मेरी मां नए नए तरह के पकवान बनाती है लेकिन फिर भी मुझे अच्छे नहीं लगते क्योंकि ना तो उन्हें खाने के लिए मेरे साथ मेरे दोस्त हैं और ना ही मेरे माता पिता को यह सब खाना पसंद है। लोक डाउन मेंमेरे साथ बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है जैसे मैं अपने जीवन में घर के महत्व को समझ पाया हूं। लोग डाउन में मैंने अपने माता-पिता से ज्ञान की बहुत सारी बातें सीखी। माता पिता के साथ बैठकर चाय पर गपशप और भोजन के समय गरम गरम खाना खाने का आनंद इस लोक डाउन के कारण ही मुझे मिल पाया। अन्यथा मेरे पिताजी सदैव अपने व्यापारिक जीवन में व्यस्त रहते थे।
इस लोक डाउन के समय पर ही मुझे एक परिवार का हमारे जीवन में महत्व समझ आया और मैंने अपने माता पिता जी के साथ कई सारी गतिविधियां कर अलग-अलग किस्म का ज्ञान प्राप्त किया।
अब जब देश में अनलॉक होना शुरू हो गया है तो मेरे माता-पिता अपने कार्य में व्यस्त होने लगे हैं लेकिन फिर भी जय थोड़ा समय निकालकर मेरे साथ व्यतीत करते हैं। अब मुझे समझ आया कि विद्यालय खेलकूद और हर प्रकार की गतिविधि मनुष्य के जीवन में एक विशेष महत्व रखती है। यदि हम केवल एक ही कार्य जिंदगी भर करना चाहे तो उससे हम तंग आ सकते हैं और फिर हमें अपने जीवन में कुछ बदलाव की आवश्यकता पड़ सकती है। इस लोक डाउन के समय में मुझे एक बात यह भी समझ आएगी हमारे जीवन में कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जो हम घर रहकर नहीं कर सकते।
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लॉकडाउन के समय मेरा अनुभव पर निबंध:
लॉकडाउन के समय मेरा अनुभव अच्छा रहा , शुरू में लग रहा था कैसे समय बिताना पड़ेगा और अजीब-अजीब ख्याल आ रहे थे लेकिन समय रहना सिखा देता है और बहुत सारी नई बाते भी |
लॉकडाउन के समय में बिताना इतना मुश्किल नहीं है , बस थोड़े से बदलाव हुए है| जीवन में कभी-कभी बदलाव आते , वह बदलाव हमारे भलाई के लिए होते है इससे हमें डरना नहीं चाहिए |
मैंने लॉकडाउन के दिनों में अपना समय अपने घरवालों के साथ बहुत अच्छे से बिताया| शहरी दुनिया से दूर मैंने यह समय अपने गाँव में बिताया और बहुत से ऐसे काम किए जो पहले कभी नहीं किए थे| रोज़ नया-नया खाना बनाना सिखा और ने काम सीखे|
गाँव में ताज़ी हवा का अनुभव लिया और ताज़ी सब्जियां , फल आदि सबका मज़ा लिया |प्रकृति के बारे में जाना और प्रकृति की सुन्दरता को बड़ी नजदीकी से देखा और अनुभव किया प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है और आज हम ने इसे तंग किया तो हम आज अपने घरों में तंग है|
लॉकडाउन से बात तो सिखा दी कि जीवन में हमें किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और डरना चाहिए| हम काम चीजों के सहारे भी अपना जीवन व्यतीत कर सकते है और खुश रह सकते है|
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