लॉकडाउन कुदरत ने अपने जख्म खुद ही भर लिए इस पर 500 शब्द का निबंध
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लॉकडाउन के चलते देश भर के कारखानों को बंद करना पड़ा, जिसके परिणाम स्वरूप देश भर में वायु प्रदूषण में अचानक गिरावट देखी गई। आज देश के तमाम हिस्सों में हवा एकदम स्वच्छ हो गई गई, जो शायद पहले कभी संभव ही नहीं था। ताजा उदाहरण जालंधर का है जहां से आज साफ हवा के चलते हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज साफ देखी जा रही है।
धरती के स्वास्थ्य में सुधार मौजूदा समय में प्रदूषण में आई भारी कमी का असर ओज़ोन परत पर भी दिखाई दे रहा है। हाल ही में नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह कहा गया है कि अगर स्थिति इस तरह बनी रही तो ओज़ोन परत जल्द ही पहले जैसी हो सकती है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के पहले धरती अधिक काँपती थी, लेकिन अब उसमें कमी आई है। वैज्ञानिकों की मानें तो इससे काफी फायदा हुआ है। ध्वनि प्रदूषण में आई कमी के कारण वैज्ञानिकों के लिए अब छोटे स्तर के भूकंपों का भी पता लगाना आसान हो गया है, जबकि इसके पहले ऐसा करने में मुश्किल आती थी। पर्यटन स्थल हुए खूबसूरत लॉकडाउन से पहले पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ हमेशा बनी रहती थी, लेकिन अब जब लोग वहाँ नहीं जा रहे हैं तो उनकी स्थिति में भी सुधर हो रहा है। इटली के वेनिस शहर में नहर का पानी बेहद स्वच्छ हो गया है। भारत में भी मुंबई के समुद्र तट पर कुछ दिनों पहले डॉल्फ़िन देखी गई थीं। लॉकडाउन के बाद गंगा और यमुना के पानी में भी काफी सुधार देखने को मिला है। गंगा और यमुना में बड़े पैमाने पर कारखानों का दूषित पानी डाला जाता था, लेकिन अब ये दोनों ही नदियों की हालत में काफी सुधार देखने को मिला है। Also Read कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 'ढाल' बना ये स्टार्टअप, ऐसे कर रहा है सुरक्षा
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