Hindi, asked by Superstar7238, 9 days ago

लोकगीत अपनी लोच, ताजगी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। लोकगीत सीधे जनता के संगीत हैं। घर, गांव और नगर की जनता के गीत हैं ये। इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती। त्योहारों और विशेष अवसरों पर यह गाए जाते हैं। सदा से ही गाए जाते रहे हैं और इनके रचने वाले भी अधिकतर गांव के लोग ही हैं। स्त्रियों ने भी इनकी रचना में विशेष भाग लिया है।यह गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढो

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Answered by mahirmahetar0808
1

Answer:

which standard ?

hope you get answer

Answered by steffiaspinno
0

लोकगीत शास्त्रीय संगीत से बहुत अलग होते हैं।

Explanation:

  • लोकगीत लोगों का संगीत है, यह समुदाय की परंपरा पर चलता है।
  • प्रत्येक समुदाय का एक अनूठा लोक गीत होता है जिसे वे उत्सव के दिन गाते हैं।
  • ये गीत घर, गाँव और कस्बों के हैं।
  • लोक गीत गाने वाले अधिकांश गायक ग्रामीण होते हैं। लोकगीतों में भी महिलाओं की विशेष भूमिका होती है।
  • लोक गीतों के प्रदर्शन के लिए किसी वाद्य यंत्र की आवश्यकता नहीं होती है।
  • हालांकि कुछ समुदाय अपने स्वयं के संगीत वाद्ययंत्र का उपयोग करते हैं।
  • वे सांस्कृतिक संगीत का शुद्धतम रूप हैं।

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