लोकगीत अपनी लोच, ताज़गी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। लोकगीत सीधे जनता के संगीत हैं, घर, गांव और नगर की जनता के गीत हैं -- चैता, कजरी, बारहमासा ,सावन , बाबुल और भतियाली ,पहाड़ी , माहिया, हीर- रांझा, सोहनी -महीवाल ,ढोला -मारू आदि प्रचलित लोकगीत है।
ऊपर लिखे लोकगतों में से कोई एक लोकगीत लिखिए और उससे संबंधित सुंदर-सुंदर चित्र बनाइए
Answers
Answered by
0
Explanation:
gagagaahjajhqhqhqjqjajqjqj
Similar questions