Hindi, asked by srijitachakraborty35, 1 month ago

लोकगीत अपनी लोच, ताज़गी और लोकप्रियता में शास्त्रीय संगीत सेप्रिन्न है। यह सीधे जनता का संगीत है। यह घर , गााँव व नगर की जनता का गीत है। इसकेप्रलए साधना की आवश्यकता नहीं होती । त्योहारों तथा प्रवशेष अवसरों पर यह गाया जाता है। इसकेरचनाकार अप्रधकतर गााँव केप्रनवासी होतेहैं। प्रस्त्रयों नेइसकी रचना मेंप्रवशेष योगदान प्रदया है। यह वाद्य-यंत्रों की मदद केप्रिना ही या साधारण ढोलक , झााँझ , िााँसरुी, करताल आप्रद की सहायता सेगाया जा सकता है। एक समय था , जि शास्त्रीय संगीत केसामनेइसेहेय समझा जाता था, परंतुसाधारण जनता की ओर , जि सेलोगों कीनज़रहुईहै, ति सेकला और साप्रहत्य केक्षेत्र मेंिीपररवततनहुआ है। अनेक लोगोंनेप्रवप्रवध िोप्रलयों केलोकसाप्रहत्य और लोकगीत केसंग्रह केप्रलए कमर कस ली हैऔर इस िकार केअनेक संग्रह अि तक िकाप्रशत िी हो गएहैं।
क) गद्यांश केलिए उप्क्ुत शीर्षक लिखिए ।
please answer the question...
and if (hrphtntjlfjhfbcutnfh) this type of answer will be reported...​

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Answered by ashasingh001976
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Answer:

" pracheen sajiv swara sangeet"

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