Hindi, asked by bikramsaran3950, 3 months ago

लोकगीतों की कौन सी भाषा होती है​

Answers

Answered by rahulkumar24032008
1

Answer:

चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत पंजाबी में और ढोला-मारू आदि के गीत राजस्थानी में बड़े चाव से गाए जाते हैं।


bikramsaran3950: आश्रम में भोजन कौन परोसता था​
sakshi200736: जब मुनि इस स्थान पर वास कर रहे थे तो उस क्षेत्र में आतापी तथा वातापी नामक दो दैत्य भाइयों ने अत्यंत आतंक फैला रखा था। वे रूप बदलकर ऋषियों को भोजन के बहाने बुलाते थे, एक भाई सूक्ष्मरूप धारणकर भोजन में छिपकर बैठ जाता था एवं दूसरा भोजन परोसता था।
Answered by sakshi200736
0

Answer:

लोकगीतों की रचना गाँव के लोगों ने ही की है। इनके लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर साधारण ढोलक और झाँझ आदि की सहायता से गाए जाते हैं। इसके लिए विशेष प्रकार के वाद्यों की आवश्यकता नहीं होती।


bikramsaran3950: आश्रम में भोजन कौन परोसता था​
sakshi200736: जब मुनि इस स्थान पर वास कर रहे थे तो उस क्षेत्र में आतापी तथा वातापी नामक दो दैत्य भाइयों ने अत्यंत आतंक फैला रखा था। वे रूप बदलकर ऋषियों को भोजन के बहाने बुलाते थे, एक भाई सूक्ष्मरूप धारणकर भोजन में छिपकर बैठ जाता था एवं दूसरा भोजन परोसता था।
Similar questions