लोकगीतों में मुख्यतः ग्रामीण जनता की मार्मिक भावनाएं है। अपने शब्दों में इसे सिद् धत कीजजए 10th class
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Explanation:
ये गीत विशेष अवसरों पर गाये जाते है|इन गीतों का मुख्य विषय गाँव का रीती रिवाज ,तीज त्योहार आदि हैं|इसलिए इनमे आम जनता की भावनाएँ जुडी रहती हैं|इन गीतों की रचना कल्पना से नहीं बल्कि दैनिक जीवन से संबन्ध रख ते हैं|इनके राग भी पियु,सावन ,सारोठ आदि हैं|ये गीत गाँवों के अपने अपने राज्यों के मटरू भाषा में गाये जाए हैं|इसलिए वो ताजा और सजीव होते हैं|सभी रुतुओं में स्त्रियाँ आन्ध होकर गाते हैं| प्रस्तुत प्रश्न लोकगीत नामक प्रबंध से दिया गया हैं|यह निबंध हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार भगवत शरण उपाध्याय हैं|इनका जन्म १९१० में हुआ|इन्होने कविता,लेखनीआदि विधानों में रचना की हैं|हिंदी साहित्य की रूप रेखा,कालिदास का भारत,गंगा,गोदावरी आदि इनके प्रसिद्ध रचनाएँ हैं|लोकगीत निबंध पाठ हैं|निबंध का अर्थ हैं बांधना| लोकगीत और हमारी जीवन विधान का अनोखा सम्बंध है|
लोकगीत लोक के गीत हैं। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा सकता है। लोकगीतों का रचनाकार अपने व्यक्तित्व को लोक समर्पित कर देता है। शास्त्रीय नियमों की विशेष परवाह न करके सामान्य लोकव्यवहार के उपयोग में लाने के लिए मानव अपने आनन्द की तरंग में जो छन्दोबद्ध वाणी सहज उद्भूत करता हॅ, वही लोकगीत है।[1]
इस प्रकार लोकगीत शब्द का अर्थ हॅ-
१- लोक में प्रचलित गीत
२- लोक-रचित गीत
३- लोक-विषयक गीत
कजरी, सोहर, चैती, लंगुरिया आदि लोकगीतों की प्रसिद्ध शैलियाँ हैं।