लोकसभा का गठन किस प्रकार होता है समझाइए
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प्रथम लोकसभा का गठन 17 अप्रैल, 1952 को हुआ था। इसकी पहली बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी। लोकसभा के गठन के सम्बन्ध में संविधान के दो अनुच्छेद, यथा 81 तथा 331 में प्रावधान किया गया है। मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निर्धारित की गयी थी, किन्तु बाद में इसमें वृद्धि की गयी। 31वें संविधान संशोधन, 1974 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 547 निश्चित की गयी। वर्तमान में गोवा, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि लोकसभा अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। अनुच्छेद 81(1) (क) तथा (ख) के अनुसार लोकसभा का गठन राज्यों में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए 530 से अधिक न होने वाले सदस्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 20 से अधिक न होने वाले सदस्यों के द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार लोकसभा में भारत की जनसंख्या द्वारा निर्वाचित 550 सदस्य हो सकते हैं। अनुच्छेद 331 के अनुसार यदि राष्ट्रपति की राय में लोकसभा में आंग्ल भारतीय समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिला हो तो वह आंग्ल भारतीय समुदाय के दो व्यक्तियों को लोकसभा के लिए नामनिर्देशित कर सकता है। अत: लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है।