Hindi, asked by shantilalasalkare832, 2 months ago

लोकसभा का गठन लिखिए।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

  • लोकसभा की रचना या संगठन (Composition of Lok-Sabha)
  • लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है। इसे लोकप्रिय सदन भी कहते हैं, क्योंकि इसके सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। लोकसभा राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है और अनेक प्रसंगों में ’संसद’ का आशय लोकसभा से ही लिया गया है।
  • सदस्य संख्या:- मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निश्चित की गयी थी, लेकिन समय-समय पर इसमें वृद्धि की गयी। 31वें संवैधानिक संशोधन (1974) के अनुसार लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 547 निश्चित की गयी थी। परन्तु अब गोआ, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987’ द्वारा निश्चित किया गया है कि लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। इनमें से अधिकतम 530 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों से अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किये जा सकेंगे एवं राष्ट्रपति आंग्ल भारतीय वर्ग के अधिकतम 2 सदस्य का मनोनयन कर सकेंगे। वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है। इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से और 13 सदस्य 7 संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित होते हैं तथा 2 सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत हैं। भारतीय संविधान में व्यवस्था की गयी थी कि प्रति दस वर्ष पश्चात् होने वाली गणना के आधार पर ’परिसीमन आयोग’ लोकसभा में राज्यों व संघीय क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की संख्या निश्चित करेगा। संविधान की इस व्यवस्था के अन्तर्गत 1971 की जनगणना के आधार पर भविष्य के लिए लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या निश्चित की गयी और वर्तमान समय में राज्यों व संघीय क्षेत्रों को लोकसभा में जो प्रतिनिधित्व प्राप्त है, उसे उपर्युक्त तालिक के आधार पर समझा जा सकता है।
Answered by niha123448
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Explanation:

ANSWER ✍️

लोकसभा की रचना या संगठन (Composition of Lok-Sabha)

लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है। इसे लोकप्रिय सदन भी कहते हैं, क्योंकि इसके सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। लोकसभा राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली है और अनेक प्रसंगों में ’संसद’ का आशय लोकसभा से ही लिया गया है।

सदस्य संख्या:- मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य संख्या 500 निश्चित की गयी थी, लेकिन समय-समय पर इसमें वृद्धि की गयी। 31वें संवैधानिक संशोधन (1974) के अनुसार लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 547 निश्चित की गयी थी। परन्तु अब गोआ, दमन और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987’ द्वारा निश्चित किया गया है कि लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। इनमें से अधिकतम 530 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों से अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किये जा सकेंगे एवं राष्ट्रपति आंग्ल भारतीय वर्ग के अधिकतम 2 सदस्य का मनोनयन कर सकेंगे। वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है। इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से और 13 सदस्य 7 संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित होते हैं तथा 2 सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत हैं। भारतीय संविधान में व्यवस्था की गयी थी कि प्रति दस वर्ष पश्चात् होने वाली गणना के आधार पर ’परिसीमन आयोग’ लोकसभा में राज्यों व संघीय क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की संख्या निश्चित करेगा। संविधान की इस व्यवस्था के अन्तर्गत 1971 की जनगणना के आधार पर भविष्य के लिए लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या निश्चित की गयी और वर्तमान समय में राज्यों व संघीय क्षेत्रों को लोकसभा में जो प्रतिनिधित्व प्राप्त है, उसे उपर्युक्त तालिक के आधार पर समझा जा सकता है।

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